पटना-जसीडीह मेमू गाड़ी की महिला बोगी में लगी आग की जांच शुक्रवार को झाझा मेमू कारशेड में की जा रही है. जांच के दौरान जली ट्रेन में शराब की बोतल पायी गयी. शराब की बोतल मिलते ही पूरे रेलवे महकमा में हड़कंप मच गया. किऊल रेलवे स्टेशन पर खड़ी पटना-जसीडीह मेमू गाड़ी के महिला कोच से सटा मोटर कोच है, जो घटना में पूरी तरह जल चुका है. जली कोच लायी गयी तो उसमें मोटर रखा हुआ है. उस पर शराब की खाली बोतल मिली. इसके अलावा अन्य मोटर कोच में भी शराब की खाली कार्टून का टुकड़ा पाया गया है. एक साथ कई जगहों पर शराब का कार्टून व शराब की बोतल मिलने से रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया है.
कुछ अधिकारियों ने संदेह जताते हुए कहा कि शराब तस्कर डीडीयू से, जो गाड़ी पटना होते हुए झाझा आती है, उस ट्रेन में शराब तस्कर मोटरकोच में शराब तस्करी करते हैं. लेकिन मोटर कोच में लॉक लगा रहता है. यह जांच का विषय है कि आखिर वह मोटर कोच खुला कैसे. जबकि जानकारों का मानना है कि उक्त मोटरकोच की चाबी ट्रेन के पायलट के पास होती है. ट्रेन में शराब की बोतल व खाली कार्टून पाये जाने पर मंडल विद्युत अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि यह कोई पहली बार शराब नहीं पायी गयी है. पहले भी शराब पायी गयी है. उन्होंने बताया कि कई बार हमने रेलवे के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी है. उन्होंने बताया कि बीते 18 मई को भी जो ट्रेन आयी थी, उसमें कई जगह पर शराब के कार्टून मिले थे. इसकी सूचना बीते 22 मई को उच्चाधिकारियों को भेजी गयी है. सहायक कमांडेंट को बुलाकर संयुक्त निरीक्षण किया गया था और इसका सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गयी है. बहरहाल यह जांच का विषय है कि शराब का कार्टून कैसे आया. संजीव कुमार ने बताया कि जांच के बाद ही सब स्पष्ट हो पायेगा.
रेलकर्मियों से की गयी पूछताछ
किऊल स्टेशन पर गुरुवार की शाम ट्रेन में आग लगी की घटना को लेकर एडीआरएम आधार राज गुरुवार की देर रात ही किऊल रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन में आग लगने की जांच पड़ताल की. इस दौरान उनके द्वारा ट्रेन में आग लगने के कारण का पता लगाया गया. एडीआरएम ने इस दौरान रनिंग रूम पहुंचकर ट्रेन चालक से बातचीत भी की. वे स्पेशल ट्रेन से किऊल पहुंचकर सबसे पहले प्लेटफार्म संख्या पांच पर लगी ट्रेन की जांच पड़ताल की. इस दौरान सबसे पहले उनके द्वारा टीआई अविनाश कुमार से बातचीत की गयी. रेल कर्मियों ने बताया कि पटना-जसीडीह ट्रेन तकरीबन 5:20 मिनट पर पहुंची. जिसके बाद ट्रेन से उतरे लोगों के द्वारा कहा गया कि ट्रेन से धुआं उठ रहा है. इसके बाद ट्रेन की कोच पर सवार यात्री नीचे उतर गये.
रेलकर्मियों ने बताया कि ट्रेन में आग शॉट सर्किट से लगी है. रेलकर्मी के द्वारा ट्रेन की आग अपने संसाधन से बुझाने की प्रयास किया, लेकिन संभव नहीं हो सका. जिसके बाद अग्निशमन वाहन के पहुंचने से पूर्व ट्रेन की धुआं आग में तब्दील हो गया एवं एक से दूसरे बोगी में आग की लपेट पकड़ ली. जिससे एक बोगी पूरी तरह जल गयी, लेकिन दूसरी बोगी को थोड़ा क्षति पहुंचा. ट्रेन में आग लगने को लेकर एडीआरएम द्वारा अलग-अलग रेलकर्मी से अलग-अलग तरीकों से एकांत में भी बातचीत की. इसके अलावा रनिंग रूम में मौजूद ट्रेन के पायलट एवं अन्य लोगों से भी बातचीत की. एडीआरएम के द्वारा लगभग एक घंटे तक रेल कर्मियों से बातचीत करते हुए बर्निंग ट्रेन का निरीक्षण किया. इस दौरान रेलवे स्टेशन के एसएम विकास चौरसिया, एईएन समेत किऊल रेलवे स्टेशन के सभी कर्मी मौजूद थे.
किऊल स्टेशन के आसपास के लोगों व यात्रियों ने दिया सहयोग का परिचय
रेलवे के बोगी में अक्सर लिखा देखा जाता है कि रेल की संपत्ति आपकी संपत्ति है. जिसे किऊल स्टेशन पर मेमू ट्रेन में आग लगने के दौरान ट्रेन के यात्रियों व किऊल स्टेशन के आसपास रहने वाले बुद्धिजीवियों ने गुरुवार को चरितार्थ कर दिया. यात्री व आसपास के लोगों ने एकजुट होकर हताश रेलकर्मियों को सहयोग करते हुए मेमू पैसेंजर ट्रेन के आग लगने वाले डिब्बे से अन्य डिब्बों को धकेल कर अलग किया. इससे पूर्व दोनों बोगियों के बीच ज्वाइंट कपलिंग को भी जुगाड़ से पत्थर के द्वारा मारकर तोड़ दिया गया. जिससे बोगी को अलग करने में सुविधा हुई. स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों बोगियों को जोड़ने वाले कप्लिंग को तोड़ कर किसी तरह से बोगी को धकेल कर आग लगी बोगी से दूर किया गया. जिससे अन्य बोगी जलने से बच गयी.
ये भी पढ़ें…
पटना- जसीडीह मेमू ट्रेन में किऊल जंक्शन पर कैसे लगी आग?, पढ़िए पूरी खबर