बिहार में शराब तस्करों ने बदला अवैध कारोबार का ट्रेंड, यूपी बॉर्डर पर बढ़ी निगरानी तो अब बंगाल के रास्ते शुरू हुआ काला धंधा
राज्य में शराब तस्कर अपने अवैध कारोबार का ट्रेंड बदल रहे हैं. यूपी के रास्ते आ रही शराब को जब रोकने की कोशिश हुई तो अब तस्कर बंगाल के रास्ते शराब की खेप बिहार ला रहे हैं. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि पिछले से पूरे वर्ष भर यूपी के रास्ते आयी 180716 लीटर विदेशी शराब को राज्य में जब्त की गयी थी, जो पश्चिमी बंगाल और झारखंड के रास्ते आयी खेप के मुकाबले 43 फीसदी थी. लेकिन, इस साल जनवरी माह में अवैध कारोबारियों का ट्रेंड बदल गया है.
राज्य में शराब तस्कर अपने अवैध कारोबार का ट्रेंड बदल रहे हैं. यूपी के रास्ते आ रही शराब को जब रोकने की कोशिश हुई तो अब तस्कर बंगाल के रास्ते शराब की खेप बिहार ला रहे हैं. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि पिछले से पूरे वर्ष भर यूपी के रास्ते आयी 180716 लीटर विदेशी शराब को राज्य में जब्त की गयी थी, जो पश्चिमी बंगाल और झारखंड के रास्ते आयी खेप के मुकाबले 43 फीसदी थी. लेकिन, इस साल जनवरी माह में अवैध कारोबारियों का ट्रेंड बदल गया है.
पश्चिमी बंगाल के रास्ते राज्य में आयी सबसे अधिक शराब
एक से लेकर 31 जनवरी तक पश्चिमी बंगाल के रास्ते राज्य में आयी सबसे अधिक 12088 लीटर अंग्रेजी शराब को जब्त किया गया है, जो अन्य दोनों सीमावर्ती राज्यों के मुकाबले 40 फीसदी है. इस हिसाब से देखा जाये तो अब शराब तस्कर यूपी के मुकाबले पश्चिम बंगाल के रास्ते आठ फीसदी अधिक शराब की मात्रा राज्य में ला रहे हैं.
झारखंड के रास्ते आने का ट्रेंड हुआ कम
अगर पिछले साल एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक आये राज्य के आंकड़ों को देखा जाये तो इस दौरान झारखंड के रास्ते आयी 128295 लीटर विदेशी शराब जब्त की गयी थी, जो सीमावर्ती जिलों के मुकाबले 31 फीसदी थी. वहीं इस वर्ष एक जनवरी से 31 जनवरी तक राज्य में झारखंड के रास्ते आयी 8283 लीटर शराब जब्त की गयी है. जो कुल सीमावर्ती राज्यों से आयी शराब की खेप का 28 फीसदी रहा है. गौरतलब है कि राज्य में जब शराब बंद लागू की गयी थी. उस दौरान वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2019 तक पश्चिम बंगाल के रास्ते आयी मात्र 30433 लीटर शराब की खेप को जब्त किया गया था. जो अन्य सीमावर्ती राज्यों के मुकाबले मात्र छह फीसदी था. वहीं वर्ष 2020 में यह ट्रेंड थोड़ा बढ़ा. पूरे वर्ष के दौरान पश्चिम बंगाल के रास्ते आयी 110475 लीटर शराब को जब्त किया गया था. जो कुल सीमावर्ती जिलों को 26 फीसदी था, लेकिन इस साल जनवरी में यह आंकड़ा बढ़ कर 40 फीसदी हो गया है.
Also Read: बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में हो रहा बेहतर प्लेसमेंट, कोरोनाकाल में भी बना जॉब देने का रिकॉर्ड, जानें किन कंपनियों ने कितना दिया पैकेज
सात जिलों में घटा देशी शराब का ट्रेंड
विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में देशी शराब खपत की मात्रा बढ़ रही है. वर्ष 2019 और 2020 के अंतिम छह माह में तुलना से पता चलता है कि छापेमारी के दौरान 31 जिलों में देशी शराब की जब्ती बढ़ी है. जबकि सात जिले समस्तीपुर, गोपालगंज, गया, सुपौल, शिवहर, बांका और लखीसराय में बीते वर्ष के मुकाबले देशी शराब की बरामदगी कम हुई है. शेष अन्य सभी जिलों में देशी शराब की छापेमारी में बरामदगी बढ़ी है.
जनवरी में 26 बड़े स्टॉकिस्ट पकड़े गये
राज्य में शराब की बड़ी खेप का स्टॉक करने वाले इस वर्ष 26 लोगों पर कार्रवाई की गयी है. बीते वर्ष 292 बड़े स्टॉकिस्ट, वर्ष 2019 में 296 बड़े स्टॉकिस्ट, वर्ष 2018 में 177 बड़े स्टॉकिस्ट और वर्ष 2017 में 122 बड़े स्टॉकिस्टों पर कार्रवाई की गयी है.
सरकारी पदाधिकारियों पर कार्रवाई
मद्य निषेध का उल्लंघन करने वाले कुल 64 सरकारी कर्मी पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है. इसमें आठ कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. 13 कर्मचारियों-पदाधिकारी पर बड़ा या छोटा दंड लगाया गया है. आठ दोष मुक्त किये जा चुके हैं. 35 पर विभागीय कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जबकि आठ निलंबित किये जा चुके हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan