‘रॉकी सिंह’ और ‘रवि लाल’ को खोजनेवाले रहें सावधान, कोड हुआ डिकोड, एक्शन में बिहार पुलिस

Liquor Smuggling: पुलिस का दावा है कि आरएस (रॉयल स्टैग) का नाम बदलकर रॉकी सिंह कर दिया गया है, जबकि रेड लेबल शराब को रवि लाल के नाम से बेचा जा रहा है. हाल के दिनों में पटना पुलिस ने कई शराब तस्करों का मोबाइल सर्विलांस पर लिया था. इसके बाद नये कोडवर्ड का खुलासा हुआ है.

By Ashish Jha | December 11, 2024 2:02 PM

Liquor Smuggling: पटना. बिहार में ‘रॉकी सिंह’ और “रवि लाल” दो नाम ऐसे हैं जिनको सुनते ही पुलिस सक्रिय हो जाती है. शराब माफियाओं की दुनिया के ये दो अनोखे कोडवर्ड को बिहार पुलिस ने डीकोड कर लिया है. ‘रॉकी सिंह’ से आरएस ‘रवि लाल’ से रेड लेबल की मांग की जाती है. वैसे तो पुलिस के सर्विलांस से बचने के लिए शराब माफिया लगातार कोड बदलते रहते हैं, लेकिन नये साल की तैयारी को लेकर बनाये गये इस कोड को समय रहते पुलिस ने डीकोड कर लिया है. पुलिस का दावा है कि आरएस (रॉयल स्टैग) का नाम बदलकर रॉकी सिंह कर दिया गया है, जबकि रेड लेबल शराब को रवि लाल के नाम से बेचा जा रहा है. हाल के दिनों में पटना पुलिस ने कई शराब तस्करों का मोबाइल सर्विलांस पर लिया था. इसके बाद नये कोडवर्ड का खुलासा हुआ है.

कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे माफिया

पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की माने तो बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब की तस्करी जारी है. शराब माफिया पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने तरीके बदल रहे हैं. नए साल पर पुलिस शराब माफियाओं पर खास नजर रखेगी, खासकर होम डिलीवरी करने वालों पर. हाल के दिनों में इस कोड के इस्तेमाल करने पर पटना पुलिस ने हाल ही में कई शराब तस्करों को पकड़ा है. पकड़े गये तस्करों ने पूछताछ में कोर्ड से संबंधित कई प्रकार की जानकारी पुलिस को दी है. पुलिस की पकड़ से बचने के लिए ये कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं.

सर्विलांस के जरिए पता चला कोड वर्ड

पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई शराब तस्करों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर हैं. इस सर्विलांस के जरिए ही इन नए कोड वर्ड का पता चला है. शराब माफिया अपने ग्राहकों और गैंग के सदस्यों से बात करने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं. शराब का ऑर्डर लेने से लेकर डिलीवरी तक, सारा काम WhatsApp पर ही होता है. पटना पुलिस ने हाल ही में कई शराब तस्करों के खिलाफ छापेमारी की है. कई होम डिलीवरी करने वाले तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. कोड के डीकोड नहीं कर पाने के कारण पुलिस के लिए इन पर नजर रखना मुश्किल होता रहा है.

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