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Lockdown 3.0 Latest Update : श्रमिकों को वापस नहीं भेजने के कर्नाटक के फैसले पर तेजस्वी बोले, ‘कठोर संदेश’ भेजें बिहार सरकार

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहारी श्रमिकों को वापस नहीं भेजने के कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बुधवार को अनुरोध किया कि वह प्रांतीय सरकार को इस संबंध में एक ‘कठोर संदेश' भेजें. तेजस्वी ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने स्थानीय उद्योगपतियों से मुलाकात के बाद घर लौटने को बेताब प्रवासी बिहारी श्रमिकों को वापस भेजने से इंकार कर दिया है.

By Samir Kumar | May 6, 2020 10:28 PM

पटना : बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहारी श्रमिकों को वापस नहीं भेजने के कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बुधवार को अनुरोध किया कि वह प्रांतीय सरकार को इस संबंध में एक ‘कठोर संदेश’ भेजें. तेजस्वी ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने स्थानीय उद्योगपतियों से मुलाकात के बाद घर लौटने को बेताब प्रवासी बिहारी श्रमिकों को वापस भेजने से इंकार कर दिया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, तेजस्वी ने कहा कि केंद्र, कर्नाटक और बिहार तीनों ही जगह भाजपा सत्ता में हैं, ऐसे में उसे घर लौटने के इच्छुक श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन करना चाहिए. उन्होंने कहा ”मैं पूरे बिहार की ओर से कर्नाटक सरकार को एक कठोर संदेश भेजने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से अनुरोध करता हूं.” तेजस्वी ने बिहारी श्रमिकों को वापस नहीं लाए जाने को अन्याय करार देते हुए कहा कि बिहार सरकार इन मजदूरों का अग्रिम किराया रेलवे को दे और उसकी खाली खड़ी करीब 12,000 ट्रेनों का उपयोग कर अपने लोगों को वापस लाए.

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उन्होंने कहा कि अगर बिहार सरकार अपने लोगों को वापस लाने में सक्षम नहीं हैं तो वह सभी से सहयोग ले.उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष तैयार है. हमारी पार्टी तन, मन और धन से जो बन पड़ेगा करेगी. पहले ही हमने 2,000 बस उपलब्ध कराने या 50 ट्रेनों का किराया भरने की बात कही है.” उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व के दौरान पटना आए लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की अगर हमलोग मेहमान नवाजी कर सकते हैं तो दूसरे राज्यों में तकलीफ में फंसे अपने लोगों के लिए हाथ आगे क्यों नहीं बढ़ा सकते?

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तेजस्वी ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब 40 लाख हैं. क्या बिहार के प्रत्येक जिले का प्रशासन अपने यहां एक लाख लोगों को पृथक-वास में रखने और उनके भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं कर सकता है. गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिये विशेष ट्रेनें चलाने का अपना अनुरोध आज वापस ले लिया.

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दरअसल, कुछ ही घंटे पहले भवन निर्माताओं (बिल्डर) ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की थी और प्रवासी कामगारों के वापस जाने से निर्माण क्षेत्र को पेश आने वाली समस्याओं से अवगत कराया था. प्रवासियों के लिये नोडल अधिकारी एवं राजस्व विभाग में प्रधान सचिव एन मंजूनाथ प्रसाद ने दक्षिण पश्चिम रेलवे से बुधवार को छोड़ कर पांच दिनों के लिये प्रतिदिन दो ट्रेनें परिचालित करने का मंगलवार को अनुरोध किया था, वहीं राज्य सरकार चाहती थी कि बिहार के दानापुर के लिये प्रतिदिन तीन ट्रेनें चलायी जाएं.बाद में, प्रसाद ने कुछ ही घंटे के अंदर एक और पत्र लिख कर कहा कि विशेष ट्रेनों की जरूरत नहीं है.

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