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Lockdown : राजस्थान के कोटा में फंसे स्टूडेंट्स पर बिहार के मंत्री बोले, जहां हैं वहीं रहें सरकार सुविधाएं पहुंचायेगी

लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों के बारे में बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने अनुरोध किया है कि लॉकडाउन में जो जहां हैं, वहीं रहें और उन्हें राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सुविधाएं पहुंचायी जा रही है.

By Samir Kumar | April 18, 2020 9:49 PM
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पटना : लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों के बारे में बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने अनुरोध किया है कि लॉकडाउन में जो जहां हैं, वहीं रहें और उन्हें राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सुविधाएं पहुंचायी जा रही है.

श्रवण कुमार से लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिहारवासी राज्य से बाहर जहां भी हैं, बेहतर यही होगा कि वहां की सरकारें उनका भी ख्याल रखे. जब रेल और विमान सेवा शुरू होगी, तब वे निश्चित रूप से आयेंगे.

बिहार में सत्ताधारी जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जिन अभिभावकों ने बच्चों को अपने घर से दूर भेजा उनका त्याग और बलिदान बच्चों के भविष्य के महत्वपूर्ण रहेगा पर उनसे हमारी जरूर एक और अपेक्षा रहेगी कि संकट की इस घड़ी में अपने-अपने बच्चों से खुद भी जहां हैं वहां रहने की बात कहेंगे.

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लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों और उनके अभिभावकों को बिहार भेजने पर मुख्यसचिव ने भारत सरकार के गृह सचिव को पत्र लिखा. उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा से छात्रों और उनके अभिभावकों को बिहार भेजे जाने पर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने एतराज जताते हुए भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला को गत 13 अप्रैल को पत्र लिखा था.

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बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को सोमवार को लिखे पत्र में कोटा के जिलाधिकारी के इस कदम की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के उल्लंघन के लिए उन्हें कड़ी चेतावनी देने का आग्रह किया. इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान सरकार दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन करे इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया.

बिहार से बड़ी संख्या में मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिला के लिए इच्छुक छात्र हर साल राजस्थान के कोटा में कोचिंग करने जाते हैं. छात्र एवं छात्राओं के कोटा में रहने और उनके लिए संतोषजनक व्यवस्था होने तक साथ रहने के लिए उनके माता-पिता और अभिभावकों अक्सर उनके साथ वहां जाते हैं.

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बिहार के कैमूर जिला की सीमा पर गत सोमवार को कोटा व भोपाल से पहुंचे 46 छात्रों की सीमा पर शरीर के तापमान की जांच कराकर उनके गृह जिले में भेज दिया गया है. उनमें से किसी में कोरोना के लक्षण नहीं पाये गये थे.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य सरकार के दृष्टिकोण में भारी अस्पष्टता दिखाई देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि विगत कई दिनों से देशभर में फंसे हमारे अप्रवासी मजदूर और छात्र लगातार सरकार से घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं पर वह अनिर्णय की स्थिति में क्यों है?

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राजद नेता तेजस्वी ने आरोप लगाया कि गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारें जहां अपने राज्यवासियों के लिए चिंतित दिख रही और राज्य के बाहर फंसे हुए अपने प्रदेश के लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम कर रही हैं, वहीं बिहार सरकार ने अपने बाहर फंसे राज्यवासियों को बीच मझधार में बेसहारा छोड़ दिया है. उन्होंने पूछा कि आखिर भाजपा शासित अन्य राज्य इतने सक्षम क्यों हैं और भाजपा के साथ सरकार में रहते हुए भी बिहार सरकार इतनी असहाय क्यों है?

तेजस्वी ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार के बीच विरोधाभास नजर आने तथा केंद्र और राज्य सरकार में समन्वय और सामंजस्य नहीं दिखायी देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा ”आप देश के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, लेकिन इस आपदा की घड़ी में बिहार के लिए उस वरिष्ठता और गठबंधन का सदुपयोग नहीं हो रहा है”. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे सभी इच्छुक प्रवासी बिहारियों और छात्रों को सकुशल और सम्मान के साथ बिहार लाने का प्रबंध करें.

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