पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लागू किये लॉकडाउन के कारण अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिये बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने उनका पंजीकरण शुरू कर दिया है. रोजगार पोर्टल पर उनका पंजीकरण कोरेंटिन कैंपों में ही किया जा रहा है. पंजीकरण के बाद विभाग की ओर से लगने वाले रोजगार सह मागदर्शन मेला व जॉब फेयर में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित की जायेगी.
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों को राज्य में ही रोजगार देने की नीति पर काम कर रही है. इसके तहत सरकार के कई विभाग अपनी-अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रम में श्रम संसाधन विभाग ने नेशनल कैरियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल पर मजदूरों का पंजीकरण करने का निर्णय लिया है.
पंजीकरण के दौरान यह देखा जा रहा है कि कौन से प्रवासी किस क्षेत्र में कुशल और योग्य हैं. विभाग हर शनिवार को इस पंजीकरण की रिपोर्ट लेगा ताकि पता चल सके कि प्रवासियों में कितनों को रोजगार की आवश्यकता है. साथ ही इन प्रवासियों को किस क्षेत्र में अधिक काम की आवश्यकता है. उनकी योग्यता के अनुसार ही बिहार सरकार संबंधित कंपनियों से विमर्श कर रोजगार के अवसर सृजित करेगी.
अगर किसी प्रवासी मजदूरों का निबंधन छूट गया है तो विभाग ई-वैन से ऐसे लोगों का पंजीकरण करेगा. अधिकारियों ने कहा कि आम तौर पर पोर्टल पर निबंधन का काम खुद बेरोजगार किया करते हैं, लेकिन प्रवासियों की समस्याओं को देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने खुद ही पहल कर उनका पंजीकरण शुरू कर दिया है.
पंजीकरण के बाद विभाग के पास योग्य लोगों का नाम-नंबर सहित पूरी जानकारी होगी. इसलिए रिक्तियां आते ही विभाग की ओर से उनको सूचना दे दी जायेगी. चूंकि कोरोना के कारण अभी रोजगार मेला का आयोजन नहीं हो रहा है. जैसे ही लॉकडाउन समाप्त होगा और जनजीवन सामान्य होगा, रोजगार मेला का आयोजन कर प्रवासियों को रोजगार दिया जायेगा. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. प्रवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार की ओर भी प्रेरित किया जायेगा. (इनपुट : पटना से प्रह्लाद कुमार)