बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों को पीएम किसान योजना का मिलेगा लाभ : प्रेम कुमार
बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने शनिवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बिहार वापस लौटे प्रवासी कामगारों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जायेगा. डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वापस लौटे बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास अपनी जमीन है, परंतु राज्य के बाहर रहने के कारण वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे, ऐसे लोगों को इस योजना का लाभ दिलाया जायेगा.
पटना : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने शनिवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बिहार वापस लौटे प्रवासी कामगारों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जायेगा. डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वापस लौटे बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास अपनी जमीन है, परंतु राज्य के बाहर रहने के कारण वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे, ऐसे लोगों को इस योजना का लाभ दिलाया जायेगा.
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के समय किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 की पहली किस्त देने की घोषणा की गयी थी. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की यह किस्त इस वर्ष के अप्रैल माह से जुलाई माह तक के लिए किसानों को दो-दो हजार रुपये उनके खातों में वितरित की गयी. इस योजना के तहत अब तक राज्य के 67,40,323 किसानों के खाते में इस वित्तीय वर्ष की पहली किस्त 13,48,06,46,000 रुपये डीवीटी के माध्यम से अतरित किया जा चुका है.
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत शेष आवेदक किसानों के आवेदनों के जांच की प्रक्रिया चल रही है. आवेदनों के सत्यापन के उपरांत उपयुक्त किसानों के खाते में भी शीघ्र ही राशि का अतरित कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य के किसानों के खाते में 3 चरणों में लगभग 2921.86 करोड़ रुपये अतरित किया गया था.
उन्होंने कहा कि सामान्य पीएम किसान योजना के प्रथम किस्त की राशि जून माह में भुगतान होता था. लेकिन, कोरोना संकट में फंसे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने अप्रैल माह में ही भुगतान की घोषणा की थी. मंत्री ने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी (कोविड-19) के कारण बड़ी संख्या में बिहार लौट रहे प्रवासियों के लिए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में उनके रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. इन प्रवासियों को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर मिल सकता है.
प्रेम कुमार ने कहा कि हो सकता है बिहार लौटे बहुत से प्रवासियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का काम नहीं मिल रहा हो, क्योंकि उनके द्वारा इसके लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं किया गया होगा. उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के माध्यम से इन प्रवासियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए निबंधन कराने हेतु प्रेरित करें, जिससे उनके खाते में तत्काल इस योजना के अंतर्गत देय राशि का भुगतान हो सके इसके लिए विभिन्न स्तर के जन-प्रतिनिधियों की भी सहायता लें. इसके साथ ही, ऐसे प्रवासियों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर आवश्यकतानुसार उनकी मदद करें.
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग के पदाधिकारियों का राज्य के विभिन्न कोरेंटिन सेंटर पर भी ड्यूटी लगाया गया है. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारियों को निदेश दिया कि कोरेंटिन सेंटर पर प्रवासियों का डाटा बेस तैयार करें, जिससे यह पता चल सके कि प्रवासी अपने प्रवास के दौरान में वहां क्या-क्या काम करते थे. उन्हें कृषि विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं.
कोरेंटिन अवधि समाप्त होने के बाद इन प्रवासियों का कृषि से जुड़े कार्य के लिए उन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध कराये, जिससे उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न न हो. डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सभी रैयत किसानों को दिया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को दो-दो हजार रुपये तीन किस्तों में अर्थात छह हजार रुपये प्रतिवर्ष दिया जाता है.
प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार के सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना दिलाने के लिए एनडीए सरकार कटिबद्ध है. बिहार के कोई भी योग्य किसान इस योजना के लाभ लेने से वचित न रह जाये, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. हम लोगों का छोटा से प्रयास बिहार लौटे प्रवासियों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. उन्हें अपने मनपसंद स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकता है. जिससे उनकी माली हालत में सुधार हो सकता है.
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