लॉकडाउन से हीट आइलैंड नहीं बना पटना, तापमान में रिकाॅर्ड 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट

लॉकडाउन में पटना शहर के वायु व ध्वनि प्रदूषण में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गयी है. साथ ही लॉकडाउन के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गयी है. यह गिरावट समूचे गंगा के मैदान में देखी गयी है

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2020 1:42 AM

पटना : लॉकडाउन में पटना शहर के वायु व ध्वनि प्रदूषण में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गयी है. साथ ही लॉकडाउन के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गयी है. यह गिरावट समूचे गंगा के मैदान में देखी गयी है. इस संबंध में पटना का उदाहरण लिया जा सकता है. शहर इस साल हीट आइलैंड नहीं बना है. प्रदेश के जाने-माने मौसम विज्ञानी प्रो प्रधान पार्थ सारथी के मुताबिक लॉकडाउन में कारखानों के बंद रहने और वाहनों के कम चलने से हवा में प्रदूषणकारी तत्व कम निकले.

इसकी जगह ऐसे गुड पार्टिकल ज्यादा प्रभावी हुए, जो बादलों के बनने में मददगार होते हैं. यही वजह रही कि इस साल बादल भी खूब बन रहे हैं और बारिश भी अपेक्षाकृत अच्छी हुई है. हवा में वह बैड पार्टिकल हैं, जो समुद्र की तरफ से आने वाली हवाओं पर सवार होकर बादलों के निर्माण में सहायक होते हैं.

डॉ प्रधान के मुताबिक पटना जैसी स्थिति अन्य शहरों और गंगा के मैदानी इलाकों की है. पिछले 15 सालों के तापमान पर नजर डालें, तो अप्रैल में पटना का तापमान इस माह के उच्चतम तापमान से औसतन तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा है. पिछले 15 सालों में अप्रैल का उच्चतम तापमान का औसत 41.56 डिग्री सेल्सियस रहा है. इस बार अप्रैल में तीन डिग्री कम रहा तापमान

साल……..अप्रैल का उच्चतम तापमान

2006………40.9

2007………42

2008………42.6

2009………41.4

2010………43.9

2011………39.2

2012………41.3

2013………41.9

2014………42.1

2015………40.4

2016………44.9

2017………41.6

2018………40.3

2019………42.6

2020………38.8

समूचा आंकड़ा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का है़

स्थानीय स्तर पर बादल बनने से इस साल अप्रैल में पटना शहर में 37.5 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर अप्रैल में पटना में पांच मिमी बारिश रिकाॅर्ड की गयी है. – मौसम विज्ञानियों ने कम तापमान रहने की अन्य वजहों में हर आठवें दिन पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को सबसे अहम बताया.

Next Article

Exit mobile version