पटना : बिहार के अररिया में जिला कृषि अधिकारी के वाहन को रोककर उनसे पास मांगने पर एक चौकीदार से उठक-बैठक कराये जाने के मामले में एक सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अररिया जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार द्वारा एक चौकीदार से उठक-बैठक कराना “मानव गरिमा के खिलाफ” था, और इस मामले में एएसआई गोविंद सिंह को निलंबित कर दिया गया है.
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया, “मैंने चौकीदार को फोन भी किया और गलत सुलूक किये जाने के लिए माफी मांगी, क्योंकि यह जरूरी है कि हम अपने किसी भी जवान का मनोबल नहीं गिरने दें.” अररिया जिले के जोकीहाट थाना क्षेत्र के तहत अररिया-जोकीहाट मार्ग पर सूरजपुर पुल के पास सोमवार को चौकीदार गणेश लाल ने लॉकडाउन के मद्देनजर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के वाहन को रोका और पास की मांग की. इस पर कृषि पदाधिकारी नाराज हो गये और उन्होंने चौकीदार से उठक-बैठक करायी.
इस बीच कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार और उनके साथ घटनास्थल पर मौजूद एक कृषि समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग को अनुशंसा भेज दी गयी है. अररिया जिला से भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गयी है जिसमें घटना को लेकर मनोज कुमार को कारण बताओ नोटिस का जवाब देना था.
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा “हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. निष्कर्षों के आधार पर जिला कृषि पदाधिकारी निलंबन या अन्य प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर सकते हैं.”
गौर हो कि इससे पहले बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को कहा था कि ‘सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को मैने देखा है और इस संबंध में मैने पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक से बात कर इसकी जानकारी सरकार को भेज दी है. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार इसका संज्ञान ले रही है और जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर, चौकीदार के साथ ऐसा व्यवहार करने के दोषियों के खिलाफ निश्चित तौर कार्रवाई की जायेगी.
गुप्तेश्वर पांडेय ने साथ ही कहा था कि चौकीदार हमारा और प्रशासन का अंग है और वह हमारी सबसे छोटी इकाई है. उन्होंने कहा कि चौकीदार को अपमानित करके जो अधिकारी अपना सम्मान बढ़ाना चाहते हैं, उनके प्रति मुझे बहुत अफसोस है और यह बेहद शर्म की बात है. वहीं, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने उक्त घटना का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया था कि बिहार में अफसरशाही बेलगाम हो गयी है.
चौकीदार से पैर छुवाने-कान पकड़कर उठक बैठक लगवाने के मामले ने बिहार मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान ले लिया है. कार्यकारी अध्यक्ष उज्ज्वल कुमार दुबे ने अररिया के डीएम और एसपी को 6 मई तक अलग से एक विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिये है. दोनों अधिकारियों को इस संबंध में फैक्स किया गया है.
बुधवार को मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार दुबे ने सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने, न्यूज चैनल, अखबारों की रिपोर्ट के आधार पर आदेश जारी कर दिया. आयोग ने अपने सूओमोटो में कहा है कि घटना पीड़ित के न केवल मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है, बल्कि उन अधिकारियों द्वारा कानूनों और नियमों को तोड़ना भी शामिल है, जिन्हें कानून के संरक्षक माना जाता है.
इस घटना के लिए दोषी अधिकारी और उसके सहयोगियों पर त्वरित और तत्काल कार्रवाई की जरूरत है.गणेश लाल ततमा ने अपनी ड्यूटी की, लेकिन अधिकारी उग्र हो गया और इसे अपने उच्च पद के अपमान के रूप में लिया. कर्मचारी को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. सार्वजनिक दृष्टिकोण से अपमानित और परेशान किया.