पटना : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरे से बिहार को बचाने और दूसरे राज्यों से अपने घरों की ओर लौट रहे लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के लिये सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. बिहार राज्य की सीमाओं पर सुविधा युक्त सरकारी स्कूल-भवनों में हजारों लोगों के ठहरने, खाने-पीने और मेडिकल सुविधाओं वाले कैंप बनाये गये हैं. यहां लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है, जो अभी और भी बढ़ेगा.
सरकार अनुमान लगा रही है कि जहां भी कैंप हैं उन जिलों में पांच हजार लोग तक आ सकते है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान आने के सिलसिले को रोकने के लिये अंतिम तारीख तय करने पर विचार भी किया जा रहा है. सरकार की योजना इनको 14 दिन तक वहीं ठहराने की है.
अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी ने रविवार को यह जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय आदि वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई. इसमें कई निर्णय लिये गये है. अन्य राज्यों से आने वालों का सिलसिला शुरू हो गया है. राज्य के जिन जिलों की मुख्य सड़क दूसरे राज्य को जोड़ती हैं, वहां सुविधाओं से लैस स्कूल-कॉलेजों सरकारी भवनों को कैंप में तब्दील किया गया है.
अनुमान के अनुसार, इन जिलों में करीब तीन से पांच हजार लोग पहुंच रहे हैं. इसी हिसाब से कैंप में उनके ठहरने, भोजन और मेडिकल आदि की व्यवस्था की जा रही है. कैंप में रोककर मेडिकल जांच करायी जा रही है. जिसमें कोरोना वायरस का संदेह होगा, उनको आइसोलेट करके रखा जायेगा. बिहार की सीमा में आने वाली भीड़ में शामिल हर व्यक्ति की जिलावार सूची तैयार की जा रही है. इसमें पूरा हिसाब किताब रखा जा रहा है कि किस जिला के किस गांव में कहां रहते हैं. अनुमान से अधिक लोग आते हैं तो पास के अन्य बड़े स्कूल-भवन को कैंप बनाने की पूरी तैयारी है.
बिहार सरकार की कोशिश है कि अनुमान से अधिक लोग नहीं आये. बिहार में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को अभी 14 दिन तक कैंप में ही रहकर सरकार के अगले आदेश का इंतजार करना होगा. गृह सचिव ने स्पष्ट कहा कि अभी तो उन लोगों को वहीं रहने के लिये कहा जा रहा है. आदर्श तो 14 दिन के क्वारंटाइन का है. संख्या बढ़ेगी तो इस पर फिर से विचार किया जायेगा.
अनुमान से अधिक लोग आते हैं तो स्थिति कुछ भी हो सकती है. एक विचार यह हो रहा है कि आने की एक अंतिम तिथि तय हो जाये. दिल्ली से बड़ी संख्या में बसें लोग बिहार के लिये निकल पड़े हैं, कुछ पहुंचने वाले हैं. लोगों के बीच यह संदेश चला गया है कि बिहार के लिये बसे शुरू हो गयी हैं. इससे स्थिति कठिन हो गयी है. कुछ कहा नहीं जा सकता.
सुबहानी ने बताया कि यहां राज्य मुख्यालय में राज्य सरकार के स्तर पर दिन में दो बार सभी अधिकारी बैठते हैं. सुबह शाम आंकड़े मंगाये जाते हैं. हालात की लगातार समीक्षा की जा रही है. स्थानीय लोगों से अपील है कि वह घर में ही रहे. एक सवाल के जवाब में गृह सचिव ने स्पष्ट तो नहीं कहा, लेकिन यह संकेत दे दिया कि कैंप में भीड़ ओवरलोड होती है तो उनमें पूरी तरह स्वस्थ्य लोगों को उनके घर तक पहुंचाया जा सकता हैं.