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‘लाॅकडाउन’ पर केंद्र ने बिहार पुलिस से मांगी राज्य के हालात पर रिपोर्ट

केंद्र सरकार लॉकडाउन के बाद राज्य के हालात पर नजर बनाये हुए है. बिहार राज्य में पूर्ण बंदी के पालन से लेकर कानून-व्यवस्था आदि की एक-एक जानकारी केंद्र द्वारा लिया जा रहा है. समन्वय बनाये रखने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पुलिस मुख्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गयी है.

By Samir Kumar | March 26, 2020 6:38 PM

पटना : केंद्र सरकार लॉकडाउन के बाद राज्य के हालात पर नजर बनाये हुए है. बिहार राज्य में पूर्ण बंदी के पालन से लेकर कानून-व्यवस्था आदि की एक-एक जानकारी केंद्र द्वारा लिया जा रहा है. समन्वय बनाये रखने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पुलिस मुख्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गयी है. आइजी स्तर के पदाधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गयी है. वे आपदा प्रबंधन सहित राज्य के अन्य विभागों के लिए भी समन्वय स्थापित करेंगे.

जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय का एक पत्र डीजीपी को मिला है. इसमें एक प्रारूप पर कई बिंदुओं पर जानकारी देने के निर्देश दिये गये हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इसके लिए आइजी आधुनिकीकरण अमित कुमार जैन को नियुक्त किया है. केंद्र ने पूछा है कि बिहार में लॉकडाउन के बाद कितने लोगों पर एफआइआर दर्ज की गयी है. पूर्ण बंदी के बाद भी सड़कों पर निकलने वाले कितने वाहनों की जब्ती की गयी है. अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी की गयी है.

लॉकडाउन के बाद भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से सामने आने से चिंतित गृह मंत्रालय ने आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति की भी स्थिति जानना चाहा है. दूध-दवा आदि की आपूर्ति कैसी है, कितने मेडिकल स्टोर खुल रहे हैं. प्रारूप में कई अन्य जरूरी सेवाओं की बिंदु भी है. कोरोना के कारण बनी स्थितियों में अभी तक समन्वय पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं होने से कई दिक्कतों विशेषकर सूचनाओं के आदान-प्रदान में परेशानी हो रही थी. अब कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में बीच की कड़ी का काम आइजी आधुनिकीकरण करेंगे.

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