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कोरोना का खौफ : बिहार के गांवों में लौट रहे प्रवासी मजदूरों के प्रवेश पर रोक, एक्शन में पुलिस

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच अपने कार्य स्थलों से सैकड़ों किलोमीटर दूर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्थित अपने घरों को जा रहे हजारों बेरोजगार कामगारों का वहां पर स्वागत नहीं किया जा रहा है.

By Samir Kumar | March 29, 2020 8:10 PM
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नयी दिल्ली/पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच अपने कार्य स्थलों से सैकड़ों किलोमीटर दूर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्थित अपने घरों को जा रहे हजारों बेरोजगार कामगारों का वहां पर स्वागत नहीं किया जा रहा है. बिहार में कई जगहों पर और अन्य स्थानों पर अन्य राज्यों एवं यहां तक ​​कि नेपाल और भूटान जैसे पड़ोसी देशों से वापस घर लौटने वालों के बारे में पुलिस को सूचना दी गयी.

पुलिस ने ऐसे लोगों को जांच एवं अन्य उपायों के लिए मेडिकल प्राधिकारियों को सौंप दिया. संक्रमण फैलने से रोकने के लिए बिहार के कुछ गांवों में पड़ोसी इलाकों से भी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. बिहार की राजधानी पटना के बाहरी इलाके में स्थित अलावलपुर गांव से अभिषेक सिंह ने फोन पर बताया, “नेपाल में काम करने वाले मेरे गांव के चार लोग दो दिन पहले घर लौटे थे. हालांकि, ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस एंबुलेंस के साथ गांव पहुंची और इन लोगों को मेडिकल टीम को सौंप दिया.”

अभिषेक सिंह ने कहा, “पड़ोसी गांव फतेहपुर में, छह लोग कल भूटान से घर लौटे, जिन्होंने बिहार और पश्चिम बंगाल में अपनी यात्रा पैदल तय की थी, लेकिन पड़ोसियों ने उन्हें पुलिस को सौंप दिया.” जमालपुर गांव के लव सिंह ने कहा कि इसी तरह के एक मामले में मुंबई से अलावलपुर के पास अपने गांव जमालपुर लौटे नौ लोगों को पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों को सौंप दिया गया. हालांकि, उनकी पहले चिकित्सा अधिकारियों ने मुंबई में जांच की गयी थी.

उन्होंने कहा कि उन्हें घर पर रहने के लिए कहा गया था. ये गांव गौरी चक पुलिस थाने के तहत आते हैं. थाने के प्रभारी अधिकारी नागमणि कुमार ने इस तरह की घटनाओं की पुष्टि की. निरीक्षक कुमार ने कहा, ‘‘हां, यह सच है. शुरुआत में राज्य के बाहर से आने वाले 15 से अधिक लोगों के बारे में ग्रामीणों ने हमें बताया और हमने उन्हें मेडिकल टीमों को सौंप दिया.”

उन्होंने कहा कि बाद में मेडिकल टीमों ने ऐसे मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद खुद ही ऐसे लोगों को उठाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि गौरी चक पुलिस थाने के तहत आने वाले अलावलपुर, फतेहपुर, कामर्जी, कंदप और मसाढ़ी जैसे विभिन्न गांवों के कम से कम 40 लोगों के बारे में पुलिस को सूचना दी गयी.

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