प्रभात रंजन, पटना : कोरोना संक्रमण को देखते हुए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू से ही यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक है. सोमवार से शुरू हो रहे लॉकडाउन-थ्री में भी 17 मई तक यात्री टिकटों की बुकिंग रद्द रहेगी. ऐसे में 22 मार्च से लेकर 17 मई के बीच 56 दिनों में सिर्फ पूमरे को 18.48 लाख एडवांस रेल टिकट रद्द करना पड़ा है. वहीं, प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से करीब 19 लाख रेल यात्री देश के विभिन्न हिस्सों में भी नहीं जा सके. यह रेल यात्री प्रदेश के किसी गांव या फिर शहर में फंसे है और लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.
स्लीपर व एसी कोचों में 33 हजार सीटेंपूमरे जोन में रेल मंडलों की संख्या पांच है. इन रेल मंडलों से देश के सभी हिस्सों में एक्सप्रेस ट्रेनों की आवाजाही है, जिसके स्लीपर व एसी डिब्बे में लगभग 33,000 सीटें है. वहीं, इतने ही सीटों की संख्या लौटने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में भी हैं. इसके अलावा सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में दो से चार जेनरल डिब्बे के लगे होते हैं, जिसकी अग्रिम टिकट की बुकिंग नहीं होती है. रेलवे अधिकारी बताते है कि पूमरे की शत-प्रतिशत एक्सप्रेस ट्रेनें फुल होकर जाती व लौटती हैं. ट्रेनों के परिचालन बंद होने से ऑनलाइन बुक अग्रिम टिकट स्वत: रद्द हो गयी है और 30 से 35 प्रतिशत काउंटर टिकट को लॉकडाउन खत्म होने के बाद रद्द कर पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
सिर्फ आरक्षण व जेनरल टिकट की बुकिंग से 476 करोड़ का नुकसानपूमरे के सभी रेल मंडलों में एक्सप्रेस, इंटरसिटी व पैसेंजर ट्रेनें चलती है. इन ट्रेनों के आरक्षण व जेनरल टिकट बुकिंग से रोजाना रेलवे को 8.5 से 9 करोड़ राजस्व की प्राप्ति होती है. साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट, पार्सल बुकिंग व अन्य माध्यम से भी रेलवे को आमदनी होती है. स्थिति यह है कि लॉकडाउन में सिर्फ आरक्षण व जेनरल टिकट बुकिंग से 476 करोड़ का नुकसान हुआ है. साथ ही अग्रिम टिकट लिए यात्रियों को करीब 350 करोड़ रिफंड के रूप में लौटाना भी पड़ रहा है.
पूमरे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि जोन में एक दिन की टिकट बुकिंग से 8.5 से 9 करोड़ की आमदनी होती है, जो लॉकडाउन में बंद हो गया है. हालांकि, अब तक कितना नुकसान हुआ है. इसकी गणना की जा रही है. वहीं, नुकसान को कम करने के लिए बड़ी संख्या में मालगाड़ियों व पार्सल स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कराया जा रहा है.