Lockdown : बिहार के गांव में फंसी टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत, वीडियो साझा कर कहा…
पूरे देश में लॉकडाउन के कारण कई लोग अपने शहर से दूर फंसे हुए हैं. इनमें टीवी अभिनेत्री रतन राजपूत भी शामिल हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा करते हुए बताया है कि वह बिहार के एक गांव में एक प्रोजेक्ट को लेकर आयी थीं. लेकिन, लॉकडाउन की वजह से वह यहां से निकल नहीं पायीं. वह अपने दो सहयोगियों के साथ बिहार के गांव में ही फंस गयी हैं. गांव में ही उन्हें किसी ने कमरे मुहैया करा दिये हैं. वीडियो में उन्होंने कहा है कि मैंने यहां खुद को क्वारेंटाइन कर लिया है. साथ ही उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं कर क्वारेंटाइन करने और लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करने की अपील की है.
पटना : पूरे देश में लॉकडाउन के कारण कई लोग अपने शहर से दूर फंसे हुए हैं. इनमें टीवी अभिनेत्री रतन राजपूत भी शामिल हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा करते हुए बताया है कि वह बिहार के एक गांव में एक प्रोजेक्ट को लेकर आयी थीं. लेकिन, लॉकडाउन की वजह से वह यहां से निकल नहीं पायीं. वह अपने दो सहयोगियों के साथ बिहार के गांव में ही फंस गयी हैं. गांव में ही उन्हें किसी ने कमरे मुहैया करा दिये हैं. वीडियो में उन्होंने कहा है कि मैंने यहां खुद को क्वारेंटाइन कर लिया है. साथ ही उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं कर क्वारेंटाइन करने और लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करने की अपील की है.
वीडिया में रतन राजपूत ने कहा है कि वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं. जहां उन्होंने खुद को क्वारेंटाइन किया है, वहां वह एक छोटे-से कमरे में नजर आ रही हैं. उन्होंने कहा है कि ”मुझे बहुत सारे मैसेज आ रहे हैं, लोग जानना चाह रहे हैं कि मैं कहा हूं. और अकेली क्यों हूं. उन्होंने कहा कि मैं क्वारेंटिन में हूं. यह एक छोटा-सा गांव है. एक गांव में हूं. मैंने खुद को आईसोलेट किया हुआ है. मैं जगह के बारे में नहीं बताना चाहती, क्योंकि इससे किसी की प्राइवेसी खराब हो. हो सकता है कि लोग मिलना चाहें, बात करना चाहें.”
टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत ने आगे कहा, ”एक अंकल ने हमें रहने के लिए अपना घर दे दिया है. यहां मैं मास्क पहन कर रहती हूं. इसलिए किसी को नहीं पता है कि टीवी एक्ट्रेस यहां है. हमलोग तीन कमरों में अलग-अलग रह रहे हैं. मैं काफी लकी हूं कि 13 साल के कॅरियर में किसी ने स्टार की तरह ट्रीट नहीं किया, एक बेटी की तरह ही ट्रीट किया है. मैं लोगों की दिनचर्या को डिस्टर्ब नहीं करना चाहती. मैं चाहती हूं कि एक-दूसरे में डिस्टेन्स रखें. जो मदद करना चाहते हैं, वो चाहते हैं कि मुझे यहां से दूसरे जगह पर पहूंचा दें. लेकिन, एक जगह से दूसरी जगह जाएं. ना जाने रास्ते में कितने लोगों से टकरायेंगे. जो घर में सुरक्षित हैं, उनके लिए गिफ्ट (कोरोनावायरस) लेकर पहुंच जाएं.
उन्होंने कहा है कि छिपा हुआ कोराना ना जाने कहां से आ जाये. इसलिए मैंने निर्णय किया है कि जहां हूं, वहीं बंद रहूंगी. यही संदेश लोगों को भी देना चाहूंगी. अगर आप घरवालों से प्रेम करते हैं, अगर आप शुभचिंतक हैं, तो जो जहां है, वहीं ठहर जाये. क्योंकि, कोरोना वायरस एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कोई फ्लाइट, रिक्शा, ट्रेन नहीं लेता. बल्कि हमारा ही सहारा लेता है और हमारे ही घरवालों पर अटैक करता है. लॉकडाउन को मजबूरी ना समझें. आप कभी मत समझें कि लॉकडाउन खत्म होते ही एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए टूट पड़ेंगे. अगर आप दूसरों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो लॉकडाउन खत्म होने के बावजूद जरूरी हो, तभी बाहर निकलें.”
साथ ही कहा है कि ”मेरे मन भी विचार आया था कि मैं उपाय लगा कर यहां से निकल जाऊं. मैं निकल भी सकती थी. लेकिन, मैंने दोबारा सोचा कि क्या मैं जो दूसरों को संदेश दे रही हूं, उस पर अमल कर रही हूं. इसलिए मैंने तय कि मैं पहले अमल करूं. अगर मेरा वीडियो देख कर आप प्रेरणा ले सकते हैं, तो मैं खुद को लकी मानूंगी. मैं बिहार के ही गांव में ही हूं. हम यहां तीन लोग आये थे. लॉकडाउन के कारण यहां फंस गये. यहां हम तीन अलग कमरों में रह रहे हैं. मेरा घर यहां से चार-पांच घंटे की दूरी पर है. मैं एहतियात बरत रही हूं, अपने लिए, आपके लिए, अपने परिवार के लिए. इसलिए आप भी कोई भी कदम उठाने के पहले दो बार जरूर सोचें.”