Loading election data...

बिहार के बिहटा, फतुहा व रक्सौल में बनेंगे लॉजिस्टिक पार्क, सरकार बना रही नीति, जानिये क्या रहेगा खास…

बिहार के बिहटा, फतूहा और रक्सौल में लॉजिस्टिक पार्क बनाने की तैयारी है. सरकार लॉजिस्टिक नीति तैयार कर रही है. जिससे उद्योग व कारोबार के विकास में मदद मिलेगी. जानिये लॉजिस्टिक पार्क में क्या सुवधाएं मिलेंगी..

By ThakurShaktilochan Sandilya | May 19, 2022 7:53 AM

बिहार में पटना के बिहटा और फतुहा सहित रक्सौल में लॉजिस्टिक पार्क बनेंगे. इस संबंध में राज्य सरकार लॉजिस्टिक नीति बनाने की तैयारी कर रही है. इससे राज्य में उद्योग और कारोबार के विकास में मदद मिलेगी. समय पर कच्चा माल पहुंचेगा और तैयार उत्पादों को भी बाजार तक पहुंचाने में सहूलियत होगी. इससे रोजी-रोजगार में बढ़ोतरी होगी.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही थी ये बात…

हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कोइलवर पुल के लोकार्पण के अवसर पर राज्य सरकार को संबोधित कर कहा था कि राज्य में विकास के लिए लॉजिस्टिक पार्क और सड़क किनारे इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाना चाहिए.

सरकार की योजना

सूत्रों के अनुसार बिहटा में करीब 100 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना है. इसके लिए जमीन भी चिह्नित की गयी है, लेकिन औपचारिक प्रक्रिया पूरी होना बाकी है. यह राजधानी पटना के पश्चिम दिशा में है. इसी तरह राजधानी पटना के पूरब दिशा में फतुहा में भी लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना है. इन दोनों स्थानों से पटना एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी नजदीक रहने के कारण भी इनका चयन किया गया है. इसी तरह रक्सौल के पास इनलैंड पोर्ट होने, वहां से नेपाल की कनेक्टिविटी होने सहित रक्सौल से हल्दिया तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे बनने के कारण रक्सौल में भी लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना है.

Also Read: बिहार में दो दर्जन सीओ व 50 से अधिक लापरवाह कर्मियों को दंड देने की तैयारी, जानें किन्हे किया गया चिह्नित
रक्सौल और हल्दिया दोनों जगह बंदरगाह

रक्सौल और हल्दिया दोनों जगह बंदरगाह हैं और वहां जहाज से उतरने वाले सामान को देश के अन्य हिस्सों में पहुंचाने में सुविधा मिल सकेगी. इसकी कनेक्टिविटी बिहार से होने के कारण यहां भी रोजी-रोजगार सहित अन्य विकास हो सकेगा. लॉजिस्टिक पार्क में खाद्य और अन्य वस्तुओं को रखने की कोल्ड स्टोरेज और अन्य सुविधाएं होती हैं.

पार्क की खासियत

देश के दूसरे हिस्से से सामान लाकर उसे पार्क में रखा जाता है और जरूरत के अनुसार उसकी सप्लाइ स्थानीय स्तर पर की जाती है. इससे सामान के आवागमन पर आने वाले खर्च में बचत होती है. साथ ही वस्तुओं की कीमत भी कम हो जाती है. इस पार्क में वाहनों की मरम्मत और खड़ा करने के लिए गैराज के साथ मैकेनिक की सुविधा, ट्रक डाइवर, हेल्पर और श्रमिकों के ठहरने के लिए विश्राम स्थल और खान-पाने के लिए रेस्टोरेंट और ढाबे की भी सुविधा हाेती है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version