संवाददाता,पटना ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट (कचरा) प्रबंधन के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरे चरण में 5489 ग्राम पंचायतों के 74326 वार्डों में कार्य प्रारंभ हो चुका है. इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में शेष 2534 ग्राम पंचायतों के 35 हजार वार्डों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की जानी है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 40 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. राज्य के 8053 ग्राम पंचायतों के एक लाख नौ हजार 332 वार्डों से कचरा उठाया जाना है. पंचायती राज विभाग द्वारा हर वार्ड में ठोस व तरल कचरा उठाव की व्यवस्था करने की तैयारी की है. गांवों में भी शहर की भांति साफ रखने और उसके परिवहन की व्यवस्था की गयी है. अभी तक राज्य भर में गांवों से कचरा उठाव और परिवहन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर 5584 इ-रिक्शा और 76345 पैडल रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है. ठोस कचरा का समुचित निष्पादन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण किया जा रहा है. राज्य में अभी तक 4018 ग्राम पंचायतों में वेस्ट प्रॉसेसिंग यूनिट का निर्माण किया जा चुका है. गांवों में प्लास्टिक से खेतों को नुकसान हो रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक का भी प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है. विभाग द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट के निबटारा के लिए प्रखंड व अनुमंडल स्तर पर अब तक 133 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन निर्माण केंद्र का निर्माण किया जा चुका है.
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