पटना साहिब में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस आमने -सामने, पाटलिपुत्र में रामकृपाल और मीसा में होगी कड़ी टक्कर

Lok Sabha Election 1977 के आम चुनाव में पटना लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा भारतीय लोकदल के चुनाव चिह्न से जीते थे. इसके पहले 1971 और 1980 में सीपीआइ के रामावतार शास्त्री चुनाव जीते.

By RajeshKumar Ojha | March 30, 2024 5:53 PM

पटना साहिब और पाटलिपुत्र दो लोकसभा क्षेत्र में बंटे राजधानी पटना के मतदाताओं के सामने चुनावी अखाड़े में उतर रही दो पुरानी पार्टियों में से किसी एक पर मुहर लगानी होगी. पटना साहिब में भाजपा ने एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर दांव लगाया है. वहीं पाटलिपुत्र से भी मौजूदा सांसद रामकृपाल यादव भाजपा और एनडीए के उम्मीदवार बनाये गये हैं. राजधानी की चर्चित इन दोनों सीटों पर देश- दुनिया की निगाहें लगी  हैं. पाटलिपुत्र सीट से महागठबंधन में राजद की राज्यसभा सदस्य मीसा भारती तीसरी बार यहां से अपनी किस्मत आजमायेंगी. राजद ने उन्हें 2014 और 2019 में भी उम्मीदवार बनाया था. 

दूसरी ओर पटना साहिब में रविशंकर प्रसाद के मुकाबले महागठबंधन में कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. पाटलिपुत्र और पटना साहिब लोकसभा सीटों में कई समानताएं हैं. दोनों ही क्षेत्रों में शहरी और ग्रामीण मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. पटना साहिब लोकसभा सीट के तहत दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार,पटना साहिब, बख्तियारपुर और फतुहा विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें दीघा, कुम्हरार और बांकीपुर में शहरी मतदाता हैं.

 वहीं पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण मतदाता भी आते हैं. जबकि बख्तियारपुर औ फतुहा में ग्रामीण मतदाता ही अधिक संख्या में हैं. इसी प्रकार पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के तहत दानापुर, मनेर, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी,पालीगंज और विक्रम विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें दानापुर और फुलवारी विधानसभा क्षेत्र में शहरी मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं. जबकि मसौढ़ी,मनेर, पालीगंज और विक्रम में कस्बाई मतदाताओं के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण मतदाता हैं. 

स्वजातीय उम्मीदवारों में होती रही है सीधी टक्कर

पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट में स्वजातीय उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला होते आया है. पटना साहिब की सीट पर भाजपा के रविशंकर प्रसाद का 2019 के चुनाव में कांग्रेस से मैदान में आये फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा से रहा था. रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों ही कायस्थ जाति से आते हैं. 2019 में रविशंकर प्रसाद से चुनाव हार जाने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये और आसनसोल लोकसभा सीट से उप चुनाव में जीत कर लोकसभा पहुंचे. इस बार भी शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. वहीं भाजपा के रविशंकर प्रसाद के मुकाबले इस बार भी कांग्रेस से उनकी ही बिरादरी से उम्मीदवार उतारे जाने की चर्चा है. दूसरी ओर पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पद एक बार फिर यादवी संग्राम होना तय है. यहां भी मुख्य मुकाबला रामकृपाल यादव और मीसा भारती के बीच हो रहा है. दोनों ही यादव समुदाय से आते हैं. 

2009 के चुनाव से सामने आया पटना साहिब

पटना से पटना साहिब सीट 2009 के चुनाव से सामने आयी. इसके पहले पटना नाम से ही लोकसभा की सीट रही थी. परिसीमन के बाद पटना साहिब का नया नामकरण हुआ. यहां से पूर्व में 2009 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा के मुकाबले कांग्रेस ने फिल्म अभिनेता शेखर सुमन को उम्मीदवार बनाया था. वे तीसरे नंबर पर रहे. 2014 के चुनाव में भाजपा से शत्रुघ्न सिन्हा उम्मीदवार हुए, कांग्रेस ने कुणाल सिंह को उम्मीदवार बनाया. वहीं जदयू ने प्रख्यात चिकित्सक डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था. 

महामाया प्रसाद सिन्हा और रामावतार शास्त्री की भी हुई थी जीत

1977 के आम चुनाव में पटना लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा भारतीय लोकदल के चुनाव चिह्न से जीते थे. इसके पहले 1971 और 1980 में सीपीआइ के रामावतार शास्त्री चुनाव जीते. 1984 के चुनाव में रोचक मुकाबले में पूर्व सेनाधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिन्हा को पराजित कर डॉ सीपी ठाकुर पहली बार सांसद बने. इसके बाद 1989 में भाजपा के शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव, 1996 में रामकृपाल यादव, 1998 और 1999 में डॉ सीपी ठाकुर तथा 2004 में रामकृपाल यादव पटना लोकसभा सीट से सांसद हुए. 

पाटलिपुत्र सीट :

साल : जीते  :दूसरे नंबर पर रहे

2009 :: रंजन प्रसाद यादव – लालू प्रसाद

2014 :: रामकृपाल यादव-मीसा भारती

2019 :: रामकृपाल यादव-मीसा भारती

पटना साहिब सीट : जीते-दूसरे नंबर पर रहे

2009 :: शत्रुघ्न सिन्हा-विजय कुमार,राजद

2014:: शत्रुघ्न सिन्हा-कुणाल सिंह

2019 ::रविशंकर प्रसाद-शत्रुघ्न सिन्हा

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