सीतामढ़ी संसदीय सीट: ‘जानकी पथ’ पर सीतामढ़ी का चुनाव, सीधी लड़ाई में पढ़िए किसका क्या है हाल
Lok Sabha Election 2024 सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के तहत छह विधानसभा सीट सीतामढ़ी, बथनाहा (सुरक्षित) सुरसंड, रुन्नीसैदपुर, बाजपट्टी और परिहार आते हैं. इनमें भाजपा के पास तीन , जनता दल (यूनाइटेड) के पास दो तथा राजद के पास एक सीट है.
अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा सीट सीतामढ़ी में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन ( इंडिया ) में सीधा मुकाबला है. बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. और उनके प्रतिद्वंदी राजद के अर्जुन राय हैं. ठाकुर तुलनात्मक रूप से ग्रीनहॉर्न हैं क्योंकि वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर उनको मैदान में उतारा है. अर्जुन राय ने 2009 में जेडीयू के टिकट पर यह सीट जीती थी, लेकिन 2014 में हार गए. 2019 में वह राजद में शामिल हो गए. लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गए.
अर्जुन राय राजद में दोबारा आए हैं यह बात खिलाफ न जाए इसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव खूब मेहनत कर रहे हैं.वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय प्रभात खबर से बातचीत में बताते हैं कि , ठाकुर और राय में सीधी टक्कर भले है. लेकिन, राजद के सामने अधिक चुनौती है.
मुस्लिम वोटर कर रहा बदलाव की बात
राजद के लिए 2019 की तरह मल्लाह वोट हासिल करना आसान नहीं होगा. अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ ही सीतामढ़ी में राम जानकारी को केंद्र में रखकर विकास की जो घोषणा हुई हैं उससे अपर कास्ट का वोट एकमुश्त एनडीए को जाता दिख रहा है. रुन्नीसैदपुर इलाके में समाज के वोटरों पर पकड़ रखने वाले अधिकांश नेता एनडीए के साथ दिख रहे हैं. सीतामढ़ी के नसरुल्लाह का कहना है कि हर पांच साल बाद बदलाव जरूरी है. इस बार मुस्लिम ही नहीं, हिंदू भी बदलाव चाहते हैं. सीतामढी बिहार राज्य का एक संसदीय क्षेत्र है, जिसमें छह विधानसभा क्षेत्र बथनाहा (एससी), परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर शामिल हैं. यहां 20 मई, 2024 को मतदान होगा. वोटों की गिनती चार जून को होगी.
वह मुद्दा जो राष्ट्रीय मुद्दों और क्षेत्रीय समस्या पर हावी
माता जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में जानकी धाम वह मुद्दा है, जिसके आगे राष्ट्रीय और राज्य स्तर के मुद्दे भी छोटे हैं. स्थानीय लोगों के लिए राम मंदिर की तरह ही जानकी धाम का निर्माण भावनात्मक मुद्दा बन गया है. सरकार इसे जिले को रामायण सर्किट में शामिल कर चुकी है. इसके बाद भी देवेश ठाकुर और अर्जुन राय जानकी धाम के विकास कराने की घोषणा कर रहे हैं. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी एनडीए उम्मीदवार के नामांकन के दौरान यहां श्री राम जन्मभूमि की तरह सीता की जन्मभूमि को विकसित कराने का ऐलान कर पटना लौटे थे.
राय आधी रात तक बाइक से कर रहे जनसंपर्क
भूगोल में पीएचडी अर्जुन राय वोटरों की भूमि पर बाइक से पहुंच रहे हैं. वह सुबह सात बजे से नौ बजे तक शहरी क्षेत्र में जनसंपर्क करते हैं. दस बजे ग्रामीण क्षेत्र में निकलते हैं. रात के दो से तीन बजे के बीच घर वापसी करते हैं. इस बीच कहीं सत्तू, कहीं रोटी कहीं दाल भात जहां जो मिल जाए खा लेते हैं.
राजद का अपराध मुक्त विकास युक्त का नारा
” जनता आपको वोट क्यों दें, जीतने पर आप क्षेत्र का कैसे विकास कराएंगे’… प्रभात खबर के इस सवाल पर राजद उम्मीदवार अर्जुन राय कहते हैं कि 2009 से 2014 के बीच उन्होंने जितना विकास कराया, वह ने किसी ने नहीं कराया. ” मैं जीतने के बाद माता सीता की धरती को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश करूंगा. इसके लिए यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सेंट्रल यूनिवर्सिटी , आईआईएम एनएलयू जैसे संस्थान स्थापित कराने को प्रयास करूंगा. ” राय बताते हैं. बाढ़ से निजात दिलाना भी उनके एजेंडा में शामिल है.
देवेश जानकी स्थान के लिए दिल्ली जाने को तैयार
जदयू उम्मीदवार देवेश ठाकुर ने कुछ दिन पहले अपने चुनाव लड़ने का कारण स्पष्ट किया था. ठाकुर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि ‘अब मेरी इच्छा है कि मैं दिल्ली जाऊं. सीतामढ़ी मां सीता की धरती है, जिस तरह से अयोध्या में नवनिर्माण मंदिर बनाकर भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है. हम चाहते हैं कि वही स्थान हमारी मां सीता माता को मिले. मेरी यह दिली इच्छा है. जनसंपर्क के दौरान वह क्षेत्र के विकास और पीएम मोदी-सीएम नीतीश सरकार की योजनाओं का सभी पात्रों को दिलाने का भी वादा कर रहे हैं.
क्या कहते हैं वोटर (फोटो के साथ)
युवा सुमित कुमार कहते हैं यहां अगड़ी जाति के लोग तो मोदी के नाम पर वोट देने की बात करते हैं. मुसलमान और यादवों का अर्जुन राय की तरफ रुझान अधिक है. बाकी जातियां जदयू के साथ खड़ी दिखती हैं. चिरैया बरही के राजेश मिश्रा विकास और क्षेत्रीय समस्याओं को ध्यान रखकर मतदान करने की बात करते हैं. हालांकि उनका कहना है कि मतदान से एक दिन पहले का माहौल और स्थिति ही तय करती है कि किसका वोट किसे जा रहा है.
यह है जातीय समीकरण
“चाणक्य” द्वारा की गयी मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार, सीतामढ़ी संसदीय सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 208,462 यानी 11.3% है. कुल वोटर में करीब 21.1% मुस्लिम मतदाता हैं. इनकी संख्या लगभग 388,548 है. राय 174496 , शाह 167709 , महतो 122513, सिंह 98350, ठाकुर 77644 तथा पासवान वोटर की संख्या 73545 है.
चुनाव मैदान में 14 उम्मीदवार
नामांकन किया – 35
नामांकन स्वीकार – 28
खारिज -6
नाम वापसी – 1
कुल उम्मीदवार – 14
मतदान प्रतिशत
2019 – 59.32 %
2014 – 57.18 %
2009 – 42.54 %
लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर
वर्ष @ विजेता @ रनर अप
2019 @ 54.61% @ 30.51%
2014 @26.11%@ 16.72%
2009 @ 17.17% @ 9.01%
विधानसभा में दलीय स्थिति
सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के तहत छह विधानसभा सीट सीतामढ़ी, बथनाहा (सुरक्षित) सुरसंड, रुन्नीसैदपुर, बाजपट्टी और परिहार आते हैं. इनमें भाजपा के पास तीन , जनता दल (यूनाइटेड) के पास दो तथा राजद के पास एक सीट है. सीतामढ़ी से बीजेपी के मिथिलेश कुमार , बथनाहा से अनिल कुमार और परिहार से भी बीजेपी की गायत्री देवी (बीजेपी) विधायक हैं. सुरसंड से दिलीप राय और रुन्नीसैदपुर से पंकज कुमार मिश्रा दोनों जेडीयू के विधायक हैं. बाजपट्टी से राजद के मुकेश यादव विधायक हैं.
कब कौन किस पार्टी से सांसद चुना गया
चुनाव वर्ष @सदस्य @ दल
1957: आचार्य जेबी कृपलानी, पीएसपी
1962: नागेंद्र प्रसाद यादव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: नागेंद्र प्रसाद यादव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: नागेंद्र प्रसाद यादव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: श्याम सुंदर दास, जनता पार्टी
1980: बलिराम भगत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यू)
1984: राम श्रेष्ठ खिरहर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: हुकुमदेव नारायण यादव, जनता दल
1991: नवल किशोर राय, जनता दल
1996: नवल किशोर राय, जनता दल
1998: सीताराम यादव, राष्ट्रीय जनता दल
1999: नवल किशोर राय, जनता दल (यूनाइटेड)
2004: सीताराम यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2009: अर्जुन रॉय, जनता दल (यूनाइटेड)
2014: राम कुमार शर्मा कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी
2019: सुनील कुमार पिंटू, जनता दल (यूनाइटेड)
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