Lok Sabha election 2024: बिहार के चुनावी मैदान में तीसरी पीढ़ी और दूसरी पीढ़ी के नेता आजमा रहे भाग्य
Lok Sabha election 2024 औरंगाबाद और नवादा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे क्रमश: सुशील कुमार सिंह और विवेक ठाकुर दूसरी पीढ़ी के नेता हैं. सुशील कुमार सिंह के पिता रामनरेश सिंह और विवेक ठाकुर के पिता डॉ.सीपी ठाकुर सांसद रह चुके हैं.
कैलाशपति मिश्र,पटना
Lok Sabha election 2024 इस बार के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां वैसे प्रत्याशियों को भी चुनाव मैदान में उतारा है, जो अपनी सियासी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटे हैं. इसमें कुछ राजनीतिक विरासत की तीसरी पीढ़ी के हैं, तो कुछ दूसरी पीढ़ी के. समस्तीपुर से लोजपा (रा) की प्रत्याशी शांभवी चौधरी अपनी राजनीतिक विरासत की तीसरी पीढ़ी की हैं. वहीं पूर्व सांसद स्व रामसेवक हजारी के पौत्र सन्नी हजारी और पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के नाती यानी मीरा कुमार के पुत्र भी चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं.
बिहार में तीसरी पीढ़ी के राजनीतिक वारिश
बिहार में राजनीतिक विरासत संभालने वालों की तीसरी पीढ़ी के पौध भी तैयार हो गये हैं. समस्तीपुर से लोजपा (रा) की प्रत्याशी शांभवी चौधरी तीसरी पीढ़ी की हैं. उनके पिता अशोक चौधरी, नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री हैं, जबकि उनके दादा महावीर चौधरी बिहार सरकार में मंत्री रहे थे. पिछले दिनों जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है. बताया जाता है कि सन्नी समस्तीपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. उनके दादा रामसेवक हजारी रोसड़ा सुरक्षित क्षेत्र से सांसद थे. बिहार की राजनीति में एक ऐसा परिवार है, जिस परिवार की तीसरी पीढ़ी लगातार राजनीति में है. हालांकि इस बार उनके परिवार से कोई लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. नीतीश सरकार में मंत्री सुमित कुमार सिंह के पिता स्व. नरेंद्र सिंह और दादा श्रीकृष्ण सिंह दोनों बिहार सरकार में मंत्री थे. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.ललित नारायण मिश्र के बेटे विजय कुमार मिश्र जहां सांसद और विधायक बने, वहीं उनके पोता ऋषि मिश्र भी जाले से जदयू के टिकट पर चुनाव जीते थे.
महागठबंधन में दूसरी पीढ़ी के राजनीतिक पौध
इसमें सेग्मेंट में सबसे पहले बात करते हैं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की. उनके राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए पहले से ही उनके बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं. लोकसभा चुनाव में उनकी दो बेटियां भी चुनावी रण में हैं. पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती एक बार फिर भाजपा के रामकृपाल यादव से मुकाबला करने की तैयारी कर रही हैं. लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी इस चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है. इस चुनाव में सारण सीट पर उनका मुकाबला भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी से है. राजद से गया सुरक्षित लोकसभा से चुनाव लड़ रहे कुमार सर्वजीत विधायक भी हैं. उनके पिता राजेश मांझी जनता दल के टिकट पर सांसद बने थे. राजद के बक्सर से उम्मीदवार सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह के पुत्र हैं. कांग्रेस के किशनगंज के सांसद मो.जावेद के पिता भी बिहार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं.
एनडीए में दूसरी पीढ़ी के कई नेता
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में औरंगाबाद और नवादा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे क्रमश: सुशील कुमार सिंह और विवेक ठाकुर दूसरी पीढ़ी के नेता हैं. सुशील कुमार सिंह के पिता रामनरेश सिंह और विवेक ठाकुर के पिता डॉ.सीपी ठाकुर सांसद रह चुके हैं. वहीं पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी अपनी राजनीतिक विरासत की दूसरी पीढ़ी हैं. उनके पिता ठाकुर प्रसाद राज्य में मंत्री रह चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सासाराम के सांसद रहे दिवंगत मुनीलाल की सियासी विरासत को संभालने के लिए भाजपा ने उनके बेटे शिवेश राम को सासाराम से चुनावी मैदान में उतार दिया है. पश्चिम चंपारण से भाजपा के सांसद डॉ. संजय जायसवाल के पिता मदन जायसवाल भी सांसद थे. लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान इस बार अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान की कर्मभूमि हाजीपुर को अपना कर्मक्षेत्र बनाने के लिए चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं. पासवान फिलहाल जमुई से सांसद हैं और वे अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
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