रोचक प्रसंगः लोकसभा चुनाव 1984 में जब कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से हार गये थे चुनाव
Lok Sabha elections 1984 में कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर थी. कर्पूरी ठाकुर अपने चिर परिचित अंदाज में ही चुनाव प्रचार करते रहे. फिर भी वे चुनाव हार गए.
Lok Sabha elections साल 1984 में आठवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में काग्रेस की लहर थी. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर कांग्रेस के लिए लाभकारी साबित हुई. इसी लहर में अबतक किसी भी चुनाव में पराजय का स्वाद नहीं चखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर समस्तीहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के हाथों पराजित हो गये.
जब इच्छा के खिलाफ लड़े थे चुनाव
लोकदल उम्मीदवार के रूप में कर्पूरी ठाकुर को दो लाख 19 हजार 224 वोट आये. वहीं काग्रेस के रामदेव राय को तीन लाख 27 हजार से अधिक वोट मिले. 38.65 प्रतिशत वोट पाकर कर्पूरी ठाकुर दूसरे नंबर पर रहे. वहीं जीत हासिल करने वाले कांग्रेस उम्मीदवार रामदेव राय के पक्ष में 57.76 प्रतिशत वोट गिरे. उस समय समस्तीपुर लोकसभा सीट सामान्य सीट हुआ करती थी. जानकार बताते हैं, कर्पूरी ठाकुर को उनकी इच्छा के खिलाफ लोकदल ने समस्तीपुर से उम्मीदवार बनने का दबाव दिया था.
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पार्टी के निर्देश को स्वीकारते हुए कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से उम्मीदवार हुए. कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर थी. कर्पूरी ठाकुर अपने चिर परिचित अंदाज में ही चुनाव प्रचार करते रहे. चुनाव में रामदेव राय और कर्पूरी ठाकुर समेत कुल 11उम्मीदवार थे. इन दोनों को छोड़ बाकी सभी की जमानत जब्त हो गयी. चुनाव परिणाम पूरे देश में कांग्रेस के पक्ष में रहा. कांग्रेस को देश भर में उसे 404 सीटें मिली. बिहार की 54 सीटों में 48 पर कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी हुए