Lok Sabha Elections: पटना. मध्यप्रदेश के मूल निवासी शरद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को संसदीय चुनाव में शिकस्त देकर राष्ट्रीय स्तर पर कभी मधेपुरा संसदीय सीट को चर्चा में ला दिया था. मधेपुरा सीट से शरद यादव चार बार लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी शरद यादव को राजद ने मधेपुरा से चुनावी मैदान में उतारा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. शरद यादव के बाद उनके बेटे शांतनु यादव मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन राजद की सूची आने के बाद उनको झटका लगा है.
राजद ने दिया स्थानीय कुमार चंद्रदीप को मौका
राजद ने यहां से कमलेश्वरी प्रसाद यादव के परपोते कुमार चंद्रदीप को मैदान में उतारा है. मधेपुरा के मूल निवासी कमलेश्वरी प्रसाद संविधान सभा के सदस्य और पूर्व सांसद रहे हैं. कुमार चंद्रदीप के पिता भी सांसद रहे हैं. राजद की सूची आने के बाद शांतनु यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपना दर्ज जाहिर किया है. उन्होंने इशारों में लालू यादव एवं तेजस्वी यादव पर तंज कसा है. शांतनु ने शरद यादव का फोटो पोस्ट कर कहा कि सिर से पिता का साया हट जाना, जीवन का सबसे कष्टदायी क्षण होता है. शांतनु यादव की यह पोस्ट आरजेडी की मंगलवार को कैंडिडेट लिस्ट जारी होने के ठीक बाद आई. इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया.
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समर्थक दे रहे हैं शांतनु को धैर्य रखने की सलाह
शरद यादव के बाद शांतनु यादव को उम्मीद थी कि अपने पिता की परंपरागत सीट से आरजेडी उन्हें टिकट देगी. उनके लालू परिवार से अच्छे संबंध भी हैं. शांतनु कई बार तेजस्वी यादव एवं तेज प्रताप यादव के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं. हालांकि, टिकट नहीं मिलने पर उन्हें निराशा हाथ लगी है. सोशल मीडिया पोस्ट पर शांतनु के समर्थक उन्हें धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं. समर्थकों का कहना है कि उन्हें अपने पिता की तरह संघर्षशील होना चाहिए. लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला, तो उन्हें निराश होकर बैठना नहीं चाहिए, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए. उसमें उन्हें जरूर सफलता हाथ लगेगी.