Speakers Summit Patna: लोकसभा स्पीकर ने सदन में हंगामे पर जताई चिंता, राजनीतिक दलों को आचार संहिता बनाने का दिया सुझाव

Speakers Summit Patna: पटना में विभिन्न राज्यों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप सदन चलाना हमारी जिम्मेदारी है. सदन में बैठकों का अभाव और व्यवधान चिंता का विषय है. सामूहिक सहयोग से इनका समाधान निकालें.

By Anand Shekhar | January 20, 2025 6:56 PM

Speakers Summit Patna: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को पटना में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (AIPOC) के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. जहां उन्होंने सदन की गरिमा, सत्रों की संख्या में कमी, सदन में हंगामे और व्यवधान पर चिंता जताई और सदस्यों से सदन की कार्यवाही में अनुशासन और गरिमा बनाए रखने की अपील की. ​​उन्होंने कहा कि सदनों को बार-बार स्थगित होने से रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है. इसके लिए उन्होंने सभी नेताओं और पदाधिकारियों से एकजुट होने की अपील की.

सत्र की संख्या में कमी पर स्पीकर ने जताई चिंता

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन बहस और चर्चा के लिए मंच हैं और विधायकों से लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने की उम्मीद की जाती है. सत्र की संख्या में कमी के कारण विधानमंडल अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफल हो रहे हैं. उन्होंने सांसदों से राष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करने और लोगों की आवाज को सदन में सही तरीके से उठाने के लिए संसदीय समय के उपयोग को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सदनों की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने और बढ़ाने का मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण है.

राजनीतिक दलों को आचार संहिता बनाने का दिया सुझाव

ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि सदन में स्वस्थ बहस और विचारों का आदान-प्रदान हो. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि सदन की गरिमा बनी रहे. उन्होंने विधानमंडलों को तकनीकी युग से जुड़ने की सलाह देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सोशल मीडिया का उपयोग सदन की कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने में मददगार हो सकता है.

देश के सभी सदन जल्द आ जाएंगे एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर

ओम बिरला ने बताया कि कई विधानमंडल पहले ही कागज रहित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक विधायी मंच’ के तहत जल्द ही देश के सभी सदन एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे. सदन की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य विधानमंडलों को स्थानीय जरूरतों और अपेक्षाओं के अनुसार नीतियां बनानी चाहिए. उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच ‘सहकारी संघवाद’ की भावना को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया.

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पुस्तक का किया विमोचन

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एम.एन. कौल और एस.एल. शकधर द्वारा लिखित और लोक सभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा संपादित “Practice and Procedure of Parliament” पुस्तक के 8वें संस्करण का विमोचन किया.

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