मलेशिया-थाइलैंड की लीची वैरायटी लौगान का स्वाद अगस्त महीने में अब आप बिहार में भी ले सकेंगे. दरअसल, बिहार के मुजफ्फरपुर में इस वैरायटी के 100 से अधिक पौधे में फल पककर तैयार होने लगा है. बताया जा रहा है कि यह लीची अब लोगों के लिए उपलब्ध होने लगा है.
जानकारी के अनुसार लौगन (Longan) वैरायटी के लीची अभी मुजफ्फरपुर में 20 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं इसके पौधे मुजफ्फरपुर के लीची अनुसंधान में 100 रुपये पीस मिल रहा है. बताया जा रहा है कि लौगान का पौधा पांच साल में तैयार हो जाता है और मीठा फल देने लगता है. वहीं लीची अनुसंधान की ओर से लगातार इसके पौधे लगाने के लिए किसानों को प्रेरित करने का काम किया जाता है.
शाही लीची और लौगान लीची में अंतर– बता दें कि लौगान लीची इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. वहीं शाही लीची का ऊपरी परत ऊभयदार होता है, जबकि लौगान लीची में सपाट परतें होती है. इसके साथ ही शाही लीची 15 मई से पकना शुरू हो जाता है, जबकि यह लीची मानसून के एंट्री के बाद ही पकता है.
इन बीमारियों में भी कारगर- बताया जाता है कि लौगन लीची कई बीमारियों को खत्म करने में कारगर है. इसके नियमित सेवन से बीपी कंट्रोल रहता है, जबकि नींद भी अच्छी आती है. वहीं लौगन लीची का प्रयोग पाचन शक्ति को भी बढ़ाने में किया जाता है. लौगन लीची इसके साथ ही सूजन को कम करने में प्रयोग किया जाता है. बताते चलें कि बिहार का मुजफ्फरपुर जिला लीची उत्पादन के लिए फेमस है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra