बिहार में लंपी स्किन वायरस की दस्तक ने बढ़ाई चिंता, 10 जिले प्रभावित, दो गायों की मौत व 1258 संक्रमित
पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान में इसके रोकथाम के लिए कंट्रोल रूप की स्थापना कर दी गयी है. पूरे राज्य में नौ जनवरी से 1.38 करोड़ गोवंश में लंपी रोग की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन कराया जा रहा है.
लंपी स्किन वायरस ने बिहार में दस्तक दे दी है. वायरस से संक्रमित होने के कारण दो पशुओं की मौत हो गयी तो वहीं 1258 गाय संक्रमित हैं. 933 पशु इलाज से ठीक हो गये हैं. 323 का फिलहाल इलाज कराया जा रहा है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान में इसके रोकथाम के लिए कंट्रोल रूप की स्थापना कर दी गयी है. पूरे राज्य में नौ जनवरी से 1.38 करोड़ गोवंश में लंपी रोग की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन कराया जा रहा है. 28 जिला में इसकी शुरुआत हो गयी है.
40100 पशुओं का टीकाकरण हो चुका
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव डाॅ एन सरवण कुमार ने बताया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, क्षेत्रीय निदेशक एवं जिला स्तर पर रैपिड रेस्पांस टीम बना दी है. 40100 पशुओं का टीकाकरण हो चुका है. बिहार में गाय में ही यह रोग अभी तक पाया गया है. सभी पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर दिया है. निकाय- पंचायतों में एम्बुलेट्री लैब से पशु पालकों को जागरूक किया जा रहा है.
घट जाता है दूध का उत्पादन
पशु को दो से तीन दिन तक हल्का बुखार के बाद पूरे शरीर की त्वचा पर दो सी तीन सेमी गोलाकार गांठ बन जाती है. मुंह, श्वास नली और गले में घाव हो हो जाता है. लीम्फ नोड का बढ़ जाती है. पैरों में सूजन आ जाती है. पशु चिकित्सक की सलाह पर पांच से सात दिन तक उपचार कराना है. त्वचा पर एंटीसेप्टिक दवाओं जिसमें मच्छर, मक्खी को भगाने की क्षमता हो उसे लगाना है. रोग में मृत्युदर एक से पांच फीसदी है. दो से तीन सप्ताह में पशु ठीक हो जाता है लेकिन कई दिनों तक दूध का उत्पादन एकदम घट जाता है.
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ये दस जिले प्रभावित
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दरभंगा
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पूर्णिया
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पटना
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नवादा
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शेखपुरा
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जहानाबाद
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नालंदा
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गया
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कैमूर
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बक्सर