नवादा के धरहरा में वर्षों से हो रही है मां शारदे की पूजा, प्रतिमा निर्माण के लिए वर्ष 2058 तक हो चुकी बुकिंग
राधेश्याम पांडे ने बताया कि लोगों में माता की इतनी श्रद्धा है कि प्रतिमा निर्माण करने वालों की कमी नहीं है. अभी भी मूर्ति निर्माण कराने वालों में से 36 लोग कतार में हैं. वर्ष 2058 तक मां शारदे की प्रतिमा निर्माण के लिए बुकिंग हो चकी है.
नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड की ढोढ़ा पंचायत के धरहरा में सरस्वती पूजा की तैयारी जोरों पर चल रही है. गांव में बीते पिछले 60 वर्षों से लगातार मां शारदे की पूजा-अर्चना की जा रही है. खास बात यह कि मां शारदे के समक्ष श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करने वाले छात्र-छात्राओं व आम लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है. लोगों ने बताया कि जिन लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है, प्रतिमा निर्माण उन्हीं लोगों द्वारा कराया जाता है. यहां मां सरस्वती की प्रतिमा निर्माण पिछले 60 वर्षों की जा रही है.
26 जनवरी को होगी मां सरस्वती की पूजा
इस वर्ष भी 26 जनवरी को वसंत पंचमी मनाया जा रहा है. मां सरस्वती की पूजा लेकर तैयारी जोरों पर है. इस अवसर पर गांव में मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें कार्यक्रमों की धूम मची रहती है. लाइसेंसधारी शीतल यादव उर्फ पहलवान जी, ज्योति पासवान, मुखिया प्रतिनिधि चंद्रमा यादव, दुर्गा चौधरी, सूर्यदेव प्रसाद यादव, राकेश साव, मुकेश साव, ब्रह्मानंद शर्मा, सतीश कुमार, राजेंद्र प्रसाद, अमित, गुड्डू ने बताया कि इस बार प्रतिमा का निर्माण दिनेश राउत के द्वारा कराया जा रहा है.
मां शारदे की प्रतिमा निर्माण के लिए 36 लोग अभी भी लगे है कतार में
पूजा अर्चना की जिम्मेदारी राधेश्याम पांडे संभाल रहे है. पुजारी पांडे ने बताया कि माता की प्रतिमा का निर्माण सन् 1961 से कराया जा रहा है. वे वर्ष 1974 से मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि लोगों में माता की इतनी श्रद्धा है कि प्रतिमा निर्माण करने वालों की कमी नहीं है. अभी भी मूर्ति निर्माण कराने वालों में से 36 लोग कतार में हैं. वर्ष 2058 तक मां शारदे की प्रतिमा निर्माण के लिए बुकिंग हो चकी है. पूजा की व्यवस्था में गांव के नवयुवक पूरी तरह मुस्तैद रहते हैं. मुखिया प्रतिनिधि चंद्रमा यादव ने बताया कि तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया जाता है.