घर-घर होगा पानी खर्च का होगा आकलन, सरकारी व निजी संस्थानों को भी किया जायेगा शामिल

- केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से मांगा सुझाव, भूजल दोहन को कम करने के लिए बनेगी क्षेत्रवार योजना

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 9:12 PM

प्रहलाद कुमार, पटना .जलशक्ति मंत्रालय ने बिहार सहित सभी राज्यों में पानी की बर्बादी रोकने और भूजल में लगातार होने वाली गिरावट को रोकने के लिए सुझाव मांगा है. इसमें पानी की उपलब्धता, पानी की खपत और पानी की बर्बादी हर दिन कितनी हो रही है. इसका ब्योरा रहेगा, ताकि पानी की बर्बादी और गलत तरीके से भूजल के दोहन को रोका जा सके. इसको लेकर जल्द ही बिहार में हर दिन लोग कितना पानी का इस्तेमाल करते हैं. सरकारी एवं निजी संस्थान सहित घर-घर का आकलन होगा. इसमें यह रिपोर्ट तैयार की जायेगी कि एक दिन में हर घर में कितना पानी हर दिन खर्च होता है और कितना पानी बर्बाद हो रहा है,ताकि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर भूजल में गिरावट और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए ठोस योजना बना सकें. इस संबंध में राज्य सरकार ने जलापूर्ति योजना से जुड़े सभी विभागों को काम करने का निर्देश दिया है, ताकि भूजल दोहन को कम करने के लिए क्षेत्रवार योजना बनेगी.जलशक्ति मंत्रालय ने बिहार सहित की ओर से गठित प्राधिकरण में भूजल निकासी करने वाले निजी और प्राइवेट संस्थाओं को रजिस्ट्रेशन कराना होता है, लेकिन निबंधन नहीं कराने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं हो रही है क्योंकि बिहार में भूजल पर अंकुशन लगाने के लिए ग्राउंड वाटर कमेटी ही नहीं है. इस कारण हर दिन गलत तरीके से पानी की निकासी होती है और उसे बेचा जाता है. बिहार में बोरिंग करने के लिए किसी तरह का कोई नियम नहीं है. ऐसे में निजी बोरिंग की संख्या कितनी है. इसका भी कोई आंकड़ा जिला प्रशासन या सरकार के पास नहीं है. इस कारण बिहार के लगभग 24 जिलों में मार्च से जुलाई तक जल संकट रहता है,जिसमें 12 जिलों के 260 से अधिक पंचायतों के कई इलाके क्रिटिकल जोन में आ जाते हैं, यहां पानी टैंकर से पहुंचाया जाता है. सरकार की हर घर नल का जल योजना से वर्तमान में अधिकतर परिवारों को राहत मिलती हैं, लेकिन अगले 20 से 30 साल बाद योजना रहने पर भी लोगों को दिक्कत होगी. इसलिए सरकार ने निजी बोरिंग का आकलन करेगी और एक ठोस योजना बनायेगी, ताकि लोगों को पानी संकट से जुझना नहीं पड़े. केंद्रीय भूमिजल प्राधिकरण जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक रेसिडेंसिल, अपार्टमेंट, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए पीने एवं घरेलू उपयोग वाले, शहरी क्षेत्रों में सरकारी जल आपूर्ति एजेंसियां, थोक जल आपूर्तिकर्ता, औद्योगिक , अवसंरचना, खनन परियोजनाओं,स्वीमिंग पूल, हास्पिटल,सरकारी व गैर सरकारी सभी कार्यालयों में सबसे अधिक भूजल का उपयोग होता है.

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