मधुबनी के बीटेक के छात्र ने पटना के होटल में की आत्महत्या, 5 जनवरी को कॉलेज जाने के लिए घर से निकला था
छात्र अपने मधुबनी के घर से पांच जनवरी को कॉलेज जाने के लिए निकला था. लेकिन वह कॉलेज नहीं गया और हाेटल सरस्वती इन में कमरा किराये पर ले लिया. शनिवार को उसे कमरे से निकलना था, लेकिन उसका कमरा अंदर से बंद था.
पटना के श्रीकृष्णापुरी थाने के पश्चिमी बाेरिंग केनाल राेड स्थित हाेटल सरस्वती इन के कमरा नंबर 102 में मधुबनी के 20 वर्षीय बीटेक छात्र राघव कुमार झा ने खुदकुशी कर ली. उसने पंखे के कुंडी से फांसी का फंदा बनाया और उसमें झूल गया. राघव मधुबनी के पंडौल थाने के भौर गांव निवासी मनोज कुमार झा का इकलौता बेटा था. वह फिलहाल तमिलनाडु के वेल्लाेर स्थित वेल्लाेर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नाेलाॅजी से बीटेक कर रहा था और सेकेंड सेमेस्टर में था.
5 जनवरी को कॉलेज जाने के लिए घर से निकला था
बताया जाता है कि वह मधुबनी के घर से पांच जनवरी को कॉलेज जाने के लिए निकला था. लेकिन वह कॉलेज नहीं गया और हाेटल सरस्वती इन में कमरा किराये पर ले लिया. शनिवार को उसे कमरे से निकलना था, लेकिन उसका कमरा अंदर से बंद था. जब शनिवार की शाम में भी उसका कमरा नहीं खुला, तो होटल के स्टाफ ने दरवाजे को खटखटाया. लेकिन अंदर से किसी प्रकार का रिस्पांस नहीं मिलने पर पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी.
पुलिस पहुंची और गेट को तोड़ा
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर गेट को तोड़ा, तो वह फांसी के फंदे में लटका हुआ मिला. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने उसके पास से मिले आधार कार्ड से ही उसके घर के संबंध में जानकारी ली. क्योंकि उसका मोबाइल फोन लॉक था. श्रीकृष्णापुरी थानाध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. घटना कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है.
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पिता से बात हुई, तो बताया ट्रेन में है
मनोज कुमार झा के अनुसार, राघव क्रिसमस की छुट्टी में 20 दिसंबर काे घर आया था. वह वहां से पांच जनवरी को निकला. उसे उन्होंने खुद ही बस पर बैठाया. वह पटना पहुंचा, तो उससे बात हुई. इसके बाद छह जनवरी को भी उसने बात की और बताया कि वह ट्रेन में है. लेकिन उन्हें शक था. इसी बीच उन्हें थाने से घटना के संबंध में जानकारी मिली. मनोज कुमार झा पंचायत से मुखिया का चुनाव भी लड़ चुके हैं. मनोज कुमार झा भी पुलिस को घटना के कारणों के संबंध में जानकारी नहीं दे पाये. इस घटना के बाद राघव के परिजन काफी सदमे में थे.