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बिहार के 7 परीक्षा माफिया गुजरात से गिरफ्तार, GPSSB के जूनियर क्लर्क परीक्षा का प्रश्नपत्र हुआ था लीक

प्रश्नपत्र लीक करने के लिए महज 70 हजार रुपये लगे और इसे परीक्षा माफियाओं ने 10 से 20 लाख रुपये में अभ्यर्थियों को बेच दिया. फिलहाल टीम गिरफ्तार सरगना भास्कर चौधरी से पूछताछ कर रही है.

गुजरात क्राइम ब्रांच की टीम ने गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के जूनियर क्लर्क की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने 15 परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें बिहार के सात लोग शामिल हैं. इनमें मुख्य सरगना बिहार का भास्कार चौधरी, पटना के पुनाईचक का कमलेश कुमार और मो. फिरोज, लखीसराय का प्रभात, मुजफ्फरपुर का मिंटू, बेगूसराय के लखमिनियां का मुरारी कुमार, नालंदा के हिलसा का मुकेश कुमार शामिल है.

बिहार में छापेमारी कर सकती है गुजरात पुलिस 

जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम इन सभी की कुंडली खंगालने में जुट गयी है. सूत्रों के अनुसार इस गिरोह में और भी कई लोगों के होने की जानकारी टीम को मिली है. वह भी बिहार के हैं और जल्द ही क्राइम ब्रांच की टीम बिहार के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर सकती है.

गुजरात के विभिन्न जगहों से गिरफ्तार हुए आरोपी 

29 जनवरी को गुजरात के विभिन्न जिलों में गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के जूनियर क्लर्क की परीक्षा थी. परीक्षा से पहले की प्रश्नपत्र लीक हो गया था. इस मामले की जांच गुजरात क्राइम ब्रांच के अलावा गुजरात एटीएस भी कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार मामले में कार्रवाई करते हुए गुजरात एटीएस की टीम ने भास्कर चौधरी और उसके गिरोह को गुजरात के विभिन्न जगहों से प्रश्नपत्र के साथ गिरफ्तार किया है. सॉल्वर गैंग के शेष शातिरों में गुजरात के छह, दिल्ली के एक और ओड़िशा के भी एक अभियुक्त शामिल है.

70 हजार रुपये में लीक हुआ प्रश्नपत्र, 10 से 20 लाख में बिका

सूत्र ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक करने के लिए महज 70 हजार रुपये लगे और इसे परीक्षा माफियाओं ने 10 से 20 लाख रुपये में अभ्यर्थियों को बेच दिया. फिलहाल टीम गिरफ्तार सरगना भास्कर चौधरी से पूछताछ कर रही है. जानकारी के अनुसार पटना में सॉल्वर गैंग के सदस्य बिजेंद्र गुप्ता, उज्ज्वल, अभिषेक आनंद सहित पांच अन्य लोग भी इस प्रश्नपत्र लीक में शामिल हैं, जिनकी तलाश में पुलिस बिहार आ सकती है और पटना पुलिस से भी इसकी जानकारी लेगी.

हैदराबाद के एक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मी ने लीक किया था प्रश्नपत्र

सूत्र ने बताया कि यह पूरा खेल महीनों पहले सेट हो गया था. परीक्षा माफिया ने पहले परीक्षा से संबंधित जानकारी जुटायी. प्रश्नपत्र कहां छप रहा है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, यह पता लगाया. इसी दौरान जीत नायक नाम के शख्स, जो कि हैदराबाद के उसी प्रिंटिंग प्रेस का कर्मी था, जहां प्रश्नपत्र छपा था उसके बारे में पता चला. जीत नायक नाम का कर्मी ओड़िशा के अपने मित्र को 70 हजार रुपये में प्रश्नपत्र बेचा, जिसे उसने बेगूसराय के मुरारी को बेच दिया. मुरारी ने उसे मिंटू राय को दे दिया. इसके बाद मिंटू ने भास्कर चौधरी को पेपर उपलब्ध करा दिया.

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ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी चलाता है भास्कर चौधरी

टीम को पूछताछ में भास्कर चौधरी ने बताया कि वह दो साथियों निशिकांत और सुमित के साथ मिलकर ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी चलाता है. यही नहीं, उसके संपर्क में पटना के कई ऑनलाइन परीक्षा सेंटर के कर्मी व मालिक हैं. वहां पढ़ने वाले बच्चों को भरोसे में लेकर उससे पैसा लेकर प्रश्नपत्र देते हैं. भास्कर के पास चार ऑनलाइन परीक्षा कंपनियों के कागजात हैं और इसी को लेकर वह परीक्षा कराने का ठेका लेता है. सूत्र ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक करने के अलावा परीक्षा सेंटर पर भी धांधली कराने का भी गिरोह काम करता है.

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