Maha Kumbh Stampede महाकुंभ में बिहार से गंगा स्नान करने गई पांच महिलाओं की मौत हो गई है. मरने वालों मे एक औरंगाबाद और चार गोपालगंज की हैं.देर रात मची भगदड़ में गोपालगंज के चारों महिलाओं की मौत हो गई है, वहीं गोपालगंज के ही चार लोगों के जख्मी भी हो गए हैं. सभी जखमी को इलाज के लिए प्रयागराज स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
गोपालगंज की चार महिलाओं की मौत
पिछले शुक्रवार को ही गोपालगंज जिला के भोरे थाना क्षेत्र के रामनगर गांव निवासी दिवंगत भूटेली मांझी की 68 वर्षीय पत्नी सरस्वती देवी अपने 14 साल के भतीजे दीपू कुमार के साथ कुंभ में स्नान करने गई थी.गांव से 11 लोग एक साथ बोलेरो पर सवार होकर यूपी के देवरिया जिले के भटनी जंक्शन गए थे, ये सभी लोग वहां से ट्रेन पकड़ कर प्रयागराज गए. इन लोगों के साथ उचकागांव थाना इलाके के श्यामपुर गांव निवासी धुरेन्द्र गोड़ और उनकी पत्नी तारा देवी भी प्रयागराज गई थी. अमृत काल में स्नान करने को लेकर यह परिवार मेले में विश्राम कर रहा था. इसी बीच देर रात भगदड़ में तारा देवी और सरस्वती देवी की भगदड़ में दबने से मौत हो गई, जबकि रामनाथ खटीक सहित चार लोग अभी भी इलाजरत है.
वहीं, घटना की सूचना परिजनों को टेलीफोन के माध्यम से मिली है.घटना की सूचना मिलने के बाद परिजनों में चीख पुकार मचा हुआ है. ग्रामीणों की भीड़ दरवाजे पर जुटी हुई है. दोनों परिवार शव का इंतजार कर रहे हैं. पल भर में ही कुंभ स्नान करने की खुशियां गम में बदल गई. इधर, गोपालगंज के ही बरौली थाना क्षेत्र के माड़नपुर गांव निवासी स्व तारकेश्वर सिंह की पत्नी शिव कली देवी है. दूसरी उचकागांव थाना क्षेत्र के बलेसरा गांव के बच्चा दुबे की पत्नी सुशीला देवी के भी मौत की सूचना है.
औरंगाबाद की एक महिला की मौत
महाकुंभ भगदड़ में अपनी पत्नी को खो चुके औरंगाबाद के फूलचंद विश्कर्मा ने बताया कि रात को हम गंगा में नहाकर निकले तो देखा उधर से गेट खुल गया है. दोनों ओर से पब्लिक थी. लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे. जिससे मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा. ‘आदमी पर आदमी गिरते गए, कोई उठ नहीं पाया. औरंगाबाद से ही आए एक शख्स ने बताया कि कुछ लोग घाट की तरफ जा रहे थे. इस दौरान भीड़ में लोग गिरे और फिर आदमी पर आदमी गिरते गए. इस दौरान कोई भी व्यक्ति उठ नहीं पाया और दबकर कई लोगों की मौत हो गई.
भगदड़ में गई सभी की जान
मौनी अमावस्या पर स्नान के चलते मंगलवार की रात करीब 2 बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया, जिसके कारण भगदड़ मच गई. कुछ ही मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. श्रद्धालुओं का सामान गिरता गया. लोग एक दूसरे को रौंदते गए. इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम आराम से जा रहे थे, तभी अचानक भीड़ आ गई, धक्का मुक्की हुई. हमने बचने की कोशिश की, लेकिन कहीं जगह नहीं थी.