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Mahakumbh 2025: श्री निरंजनी अखाड़ा ने दरभंगा राजपरिवार को भेजा न्योता, महाकुंभ में आने का किया अनुरोध

Mahakumbh 2025: श्री निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस संबंध में दरभंगा राजपरिवार के कपिलेश्वर सिंह को पत्र लिखा है. आमंत्रित पत्र में उन्होंने प्रमुख शाही स्नान के दिन उनसे प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला में आने का आग्रह किया है.

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में शाही स्नान के लिए श्री निरंजनी अखाड़ा ने दरभंगा राजपरिवार को निमंत्रित किया है. श्री निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस संबंध में दरभंगा राजपरिवार के कपिलेश्वर सिंह को पत्र लिखा है. आमंत्रित पत्र में उन्होंने प्रमुख शाही स्नान के दिन उनसे आने का आग्रह किया है. बतादें कि कपिलेश्वर सिंह के पूर्वज महाराजा रमेश्वर सिंह भारत धर्म महामंडल के आजीवन अध्यक्ष थे. इसके साथ ही वे सनातन धर्म महासभा के संस्थापक भी रहे है. 1906 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ के दौरान दलितों को दीक्षा देने का काम महाराजा रमेश्वर सिंह के कार्यकाल में ही संपन्न हुआ था.

सबसे अधिक पढ़े लिखे साधु-संतों का अखाड़ा हैं श्री निरंजनी

श्री निरंजनी अखाड़ा कई मायनों में दूसरे अखाड़ों से अलग और खास है. ये सबसे ज्यादा धनी होने के साथ- साथ सबसे अधिक पढ़े लिखे साधु-सन्तों का अखाड़ा हैं. निरंजनी अखाड़े को हमेशा भारतीय धार्मिक क्षेत्र में परिपाटी स्थापित करने वाला माना गया है. जब हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड का सबसे ज्यादा असर था. तब इस अखाड़े ने सबसे पहले इससे नाम वापस लेने की घोषणा करके राज्य सरकार को एक तरह से राहत दी थी. इसके बाद दूसरे अखाड़ों ने भी कुंभ से हटना शुरू किया था. इस अखाड़े का पूरा नाम श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़ा है. इसका मुख्य आश्रम मायापुर, हरिद्वार में स्थित है. निरंजनी अखाड़ा देश के सबसे बड़े और प्रमुख अखाड़ों में शामिल हैं.

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श्री निरंजनी अखाड़ा द्वारा दिया गया आमंत्रित पत्र

श्री निरंजनी अखाड़ा लेटर में क्या लिखा है?

श्री निरंजनी अखाड़ा ने अपने आमंत्रण पत्र में लिखा है कि प्रयागराज में आयोजित दिव्य-भव्य और सुंदर महाकुम्भ पर्व का आमंत्रण देते हुए अत्यन्त हर्ष हो रहा है. इस महापर्व पर गंगा, यमुना, सरस्वती के पावन त्रिवेणी संगम में सनातन संस्कृति से जुड़े लाखों साधु-सन्यासी सहित करोड़ों तीर्थ यात्री प्रमुख शाही स्नान तिथियों में आस्था की पवित्र डुबकी लगाएंगे. इस महापर्व पर देश-विदेश से हजारों अतिविशिष्ट अतिथि हमारे शिविर में सत्संग, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, यज्ञ एवं संत संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे. श्री निरंजनी अखाड़ा के शिविर में हजारों नागा साधु, महंत, श्रीमहंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर एवं अभ्यागत साधुओं का सामूहिक भंडारा जारी रहेगा. महाकुंभ में पहुंचने वाले गरीब एवं अभ्यागत साधुओं के लिए अन्नक्षेत्र चलता रहेगा. महाकुम्भ पर्व अनादि काल से भारत और विश्व भर के लोगों को आध्यात्मिक रूप से एक जुट करता रहा है और इस पर्व काल में अत्यंत पुण्यदायक स्नान, यज्ञ, जप, ध्यान, विविध अनुष्ठान एवं प्रवचन आदि के द्वारा लोगों में आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह और आत्मीय शांति प्रदान करता रहा है. श्री निरंजनी अखाड़ा ने दरभंगा राजपरिवार से कहा है कि आप शाही स्नान तिथि के पावन पर्व पर पधारें और शाही स्नान, महापुरुषों के दर्शन एवं प्रवचन श्रवण कर आस्था के महासंगम में आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त करें और पुण्य के भागी बने.

इन प्रमुख शाही स्नान तिथि पर किया है आमंत्रित

  • 14 जनवरी 2025 – प्रथम शाही स्नान मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी 2025 – द्वितीय शाही स्नान मौनी अमावस्या
  • 03 फरवरी 2025 – तृतीय शाही स्नान बसंत पंचमी

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