महाकुंभ भगदड़ में मौत के आठ दिन भभुआ पहुंचा शव, परिजनों ने आकड़ें छुपाने का लगाया आरोप
Mahakumbh Stampede भभुआ पहुंचने पर सुनैना देवी के परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय थाना से लेकर एसपी तक से गुहार लगाई गई. इसके बाद उक्त महिला का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम बुधवार की शाम को हुआ
Mahakumbh Stampede महाकुंभ में 29 जनवरी को मची भगदड़ में कैमूर जिले के कोरी गांव की रहने एक महिला की भी मौत हो गयी. सात दिनों के बाद महिला का शव आज उसके गांव पहुंचा. उसके परिजनों का कहना है कि मंगलवार को इलाहाबाद में मिला.
मृतक महिला गांव के ही 16 महिलाओं के साथ कुंभ स्नान करने गई थी. वहां उसकी भगदड़ में मौत हो गई. लेकिन यूपी पुलिस ने कोरी गावं निवासी उदय प्रताप सिह की मृत पत्नी सुनैना देवी का बिना पोस्मार्टम के ही घर भेज दिया. परिवार के लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि हादसे के बाद पुलिस लाश को छुपाने के लिए ऐसा किया.
भभुआ थाना क्षेत्र के कोरी गावं निवासी उदय प्रताप सिह ने पूरी घटना शेयर करते हुए कहा कि 29 जनवरी को कुभ के भगदड़ में सुनैना की मौत के बाद पुलिस उसके शव को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रख दिया था. इधर, हम लोग उसकी तलाश कर रहे थे.
लेकिन भगदड़ के बाद से सुनैना देवी का कोई आता-पता नहीं चल रहा था. जबकि 28 जनवरी को गांव की 16 लोगों के साथ सुनैना देवी मौनी अमावस्या को स्नान के लिए प्रयागराज कुंभ गई थी. सुनैना देवी का आता पता नहीं मिलने पर परिजन इलाहाबाद के हर अस्पताल में घूम-घूम कर उन्हें खोजना शुरु किया.
इसी कड़ी में हादसे के सात दिनों बाद 4 फरवरी को सुनैना देवी का शव मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद के मर्चरी हाउस में मिला. चौंकाने वाली बात यह है कि परिजनों द्वारा जब सुनैना देवी के पोस्टमार्टम करने के लिए अस्पताल प्रशासन एवं पुलिस से कहा गया तो किसी के द्वारा उक्त महिला का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया.
दबाव बनाने पर जबरन एंबुलेंस में बैठकर एक पुलिसकर्मी के साथ सुनैना देवी के शव को उनके गांव कोरी भेज दिया गया. परिजन लगातार पुलिस से गिड़गिड़ाते रहे कि मृतक सुनैना देवी के शव पोस्टमार्टम कराया जाए. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. बल्कि पुलिस के द्वारा डांट फटकार एवं दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें जबरन एंबुलेंस में बैठकर घर भेज दिया गया.
भभुआ पहुंचने पर सुनैना देवी के परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय थाना से लेकर एसपी तक से गुहार लगाई गई. इसके बाद उक्त महिला का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम बुधवार की शाम को हुआ. सुनैना देवी के परिजनों द्वारा उत्तर प्रदेश के पुलिस एवं प्रशासन पर अमानवीय व्यवहार का भी आरोप लगाया.
कुंभ के मेले में हुई भगदड़ के दौरान मौत के आंकड़े को छुपाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यूपी प्रशासन अगर पोस्टमार्टम कराती तो आधिकारिक रूप से भगदड़ में मौत का आंकड़ा बढ़ता. सरकार को मुआवजा देना पड़ता. सरकार इससे बचने के लिए ऐसा किया है.
मृतिका का शव लेकर आये उनके बेटों बेटे विष्णु पटेल और नीतीश पटेल उर्फ मंत्री ने बताया कि हादसे के बाद से वह लोग लापता हुई अपनी मां को मेला क्षेत्र में ढूंढ रहे थे.आठवें दिन उनकी मां का शव प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मर्चरी हाउस में रखा मिला.
शव की पहचान कर लेने के बाद उनलोगों ने स्थानीय मेला पुलिस से शव म पोस्टमार्टम सहित कागजी कार्रवाई को बोला गया तो उनके द्वारा बोला गया कि शव का पोस्टमार्टम नही होगा वैसे ही शव ले जाना है तो ले जाये. इसपर जब हम लोग बगैर पोस्टमार्टम कराये शव ले जाने से इंकार किया गया तो एक पुलिस का अफसर नीतीश उर्फ मंत्री से मारपीट करने लगा. उसने कहा कि ज्यादा बहस करने पर उनलोगों को भी किसी केस में फंसा देगा.
इसके बाद वहां की पुलिस ने आधार कार्ड के फोटो कॉपी पर उनसे जबरन हस्ताक्षर करवा लिया और शव ले जाने को बोल दिया.हालाकि हंगामा करने के बाद मेला पुलिस ने मेला क्षेत्र में तैनात एक कॉन्स्टेबल विजय कुमार के साथ शव भभुआ पुलिस को सौंपने के लिये तैयार हुए. उसके बाद शव को निजी एम्बुलेंस से भभुआ लाया गया.जहां पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और शव परिजनों को सौंप दिया.
ये भी पढ़ें.. Rahul Gandhi भूल गए स्वंत्रता सेनानी का नाम, देखिए वीडियो फिर भीड़ से क्या आयी आवाज