बिहार में भ्रष्ट अफसर और कर्मचारी पर निगरानी की कार्रवाई फिर एकबार हुई है. सीवान जिले के महराजगंज अनुमंडल के भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) और उनके क्लर्क को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मंगलवार की रात को विशेष निगरानी इकाई ने यह कार्रवाई की है. अफसर और क्लर्क को मिलीभगत करके 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है. जमीन विवाद मामले के निपटारे के एवज में ये रकम ली गयी थी.
भूमि सर्वे के बीच घूस की डिमांड, महाराजगंज के डीसीएलआर और क्लर्क गिरफ्तार
विशेष निगरानी इकाई पटना ने भ्रष्ट सरकारी कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की है. एकतरफ जहां भूमि सर्वे का काम बिहार में जोर-शोर पर है तो दूसरी तरफ जमीन विवाद के मामले में अधिकारी व कर्मी घूस मांगने में भी पीछे नहीं रह रहे. इसी से जुड़ी एक शिकायत निगरानी के पास आयी और कार्रवाई की गयी तो शिकायत सही पाया गया. भ्रष्ट अफसर महाराजगंज के डीसीएलआर राम रंजन सिंह हैं. जबकि उनके साथ लिपिक संतोष कुमार को भी गिरफ्तार किया गया. 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए दोनों को पकड़ा गया है.
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जमीन का मालिकाना हक छीनने के नाम पर मांगी घूस
विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि महाराजगंज के डीएसएलआर राम रंजन सिंह ने एक परिवादी से डेढ़ लाख रुपए की मांग की थी. परिवादी को यह धमकी दी गयी थी कि अगर वो डिमांड की रकम नहीं देते हैं तो जिस जमीन को अंचलाधिकारी ने उसके नाम पर किया है उसका मालिकाना हक दूसरी पार्टी को दे दिया जाएगा, जिससे विवाद चल रहा है.
DCLR और क्लर्क गिरफ्तार
बताया गया कि एसवीयू के पास जब इसकी शिकायत आयी तो मामले की जांच शुरू की गयी. इसी क्रम में ये कार्रवाई की गयी और दोनों को गिरफ्तार किया गया. इस संबंध में कांड संख्या 3/24 धारा 7 PC Act के तहत मुकदमा दर्ज किया है. दोनों अभियुक्त को आज सक्षम न्यायालय के समक्ष एसवीयू के द्वारा प्रस्तुत कर दिया जाएगा.