कैमूर जिले के नौहट्टा गांव स्थित बढ़वा पहाड़ पर महाशिवरात्रि में हर वर्ष मेला का आयोजन किया जाता है. सुबह से ही पहाड़ पर स्थित शिव मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का पहाड़ चढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है. कैमूर जिले के साथ रोहतास व बक्सर के अलावा उत्तरप्रदेश के चंदौली, चकिया व सोनभद्र जिला के आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. पहाड़ पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में जलाभिषेक करते है. इसके साथ ही आये लोग पहाड़ पर लगे मेले का आनंद लेते हैं.
वैसे तो हर गांव में शिवलिंग के साथ शिवालय मंदिर है, लेकिन बड़वा पहाड़ पर स्थित शिव मंदिर में पैदल पहाड़ी की चढ़ाई कर जलाभिषेक करने की अलग ही मान्यता है. यहां सिर्फ साल में एक बार ही शिवरात्रि मेला का आयोजन किया जाता है, जहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. समिति द्वारा मंदिर के पास पहाड़ी पर जल के साथ दर्जनों सदस्यों की तैनाती की जाती है, जिससे किसी प्रकार की श्रद्धालुओं को परेशानी न हो. साथ ही असामाजिक तत्वों द्वारा भीड़ हो जाने पर खलल नहीं डाली जा सके, इसके लिए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहती है.
बड़वा पहाड़ी प्राचीन शिव मंदिर के पास पहुंचने के लिए दो रास्ते है, जो लगभग एक हजार मीटर पानापुर बड़वा पहाड़ के ऊपर मंदिर स्थित एक रास्ता पानापुर गांव से शिव मंदिर के पास से, दूसरा रास्ता नौहट्टा कुटिया के पास से, दोनों रास्ते से उबड़ खाबड़ पत्थर से हो कर जाना पड़ता है. जाने का राह कठिन है, उसके बावजूद हजारों की संख्या में दर्शनार्थी जलाभिषेक व दर्शन-पूजन करते हैं. नौहट्टा गांव के युवकों द्वारा कुछ रास्ते की मरम्मत की गयी है, उसके बावजूद राह कठिन है.
पुजारी बग्गी प्रसाद व समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर मेले के लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है. श्रद्धालुओं को शिव मंदिर परिक्रमा के दौरान पत्थरों की वजह से चोट लगने की संभावना को देख खुदाई कर गांव के युवकों व समिति के सदस्यों द्वारा बराबर कर दिया गया है, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो. वहीं, बताया कि समतल करने के लिए एक दो फुट की खुदाई की गयी, तो मंदिर के अलग बगल मंदिर के अवशेष मिल रहे हैं. सरकार व पुरातत्व विभाग द्वारा बड़वा पहाड़ी शिव मंदिर के पास व अलग बगल खुदाई करायी जाये, तो प्राचीन मंदिर होने का अवशेष मिल सकता है. पूर्वजों द्वारा बताया जाता है कि यह पूर्व से ही शिव मंदिर था. लेकिन मुस्लिम शासक औरंगजेब के शासन काल में मंदिर को नष्ट किया जा रहा रहा था, जिसका अवशेष आज भी खुदाई के दौरान मिल रहा है
बेलांव थानाध्यक्ष सुहैल अहमद ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार को निरीक्षण कर गश्ती जारी है. इसके अलावा जिला पुलिस लाइन से फोर्स की मांग की गयी है, जिसमें महिला व पुरुष पुलिस बल शामिल हैं. इसके बावजूद गांव के कमेटी के सदस्यों की भी तैनाती की जायेगी, ताकि भीड़ उमड़ जाने पर लोगों को कोई परेशानी न हो सके.