Exclusive Interview: माही श्वेतराज ने बढ़ाया बिहार का मान, इंज्यूरी को मात देकर बनी तैराकी में राष्ट्रीय चैंपियन

Exclusive Interview: बिहार की बेटी माही श्वेतराज ने 77वीं सीनियर नेशनल स्विमिंग चैंपियनशिप में तीन गोल्ड जीतकर बिहार का मां बढ़ाया है. प्रभात खबर से माही ने तैराकी के सफर के बारे में खुलकर बातचीत की. पेश है माही श्वेतराज की धर्मनाथ से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

By Anand Shekhar | September 29, 2024 7:06 AM
an image

Exclusive Interview: ‘जलपरी’ के नाम से मशहूर बिहार की बेटी माही श्वेतराज कठिन परिस्थितियों में हौसला बुलंद रखते हुए तैराकी में अपनी पहचान बना चुकी हैं. हाल ही में कर्नाटक के मंगलुरु में आयोजित 77वीं सीनियर नेशनल स्विमिंग चैंपियनशिप में बिहार की बेटी माही श्वेतराज ने तीन स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान बनाया था. उन्होंने 50 मीटर फ्रीस्टाइल, 50 मीटर बटरफ्लाइ और 100 मीटर फ्रीस्टाइल में स्वर्ण पदक जीतने वाली बिहार की पहली खिलाड़ी बनी. देश की सबसे तेज तैराक माही श्वेतराज के इस शानदार प्रदर्शन के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया. साथ ही मेडल ‘लाओ नौकरी पाओ योजना’ के तहत दारोगा की नौकरी भी मिली.

Q. तैराकी में करियर बनाने का आइडिया कैसे आया?

समर वेकेशन में परिवार के साथ मैं अक्सर होटल अशोका में जाती थी. वहां स्विमिंग पूल देखकर मैं तैराकी में हाथ आजमाने लगी. धीरे-धीरे मैं अच्छा तैराक बन गयी. इसके बाद स्विमिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने लगी. सफलता मिलने पर मां-पिता जी भी मेरा हौसला बढ़ाने लगे और तैराकी में मेरा कारवां बढ़ता गया.

Q. आपने इसकी प्रोफेशनल ट्रेनिंग कहां-कहां से ली?

प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए मैं सबसे पहले बेंगलुरु गयी. जहां दो वर्ष ट्रेनिंग की. इसके बाद दिल्ली गयी. वर्तमान में भी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ट्रेनिंग ले रही हूं.

Q. इस दौरान आपको किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?

सबसे ज्यादा चुनौती मुझे इंज्यूरी से मिली. इसके बाद आर्थिक रूप से भी कुछ परेशानी झेलनी पड़ी. पिताजी का कपड़े और जूते का कारोबार था. वह बंद हो गया फिर भी मैंने अपने हौसले को डगमगाने नहीं दिया. तमाम संघर्षों के बीच मैंने यह मुकाम हासिल की है.

Q. आपके परिवार में तैराकी का क्या माहौल है?

हां, मेरे बड़े भाई भी तैराक हैं. उन्होंने तैराकी की बदौलत सचिवालय में नौकरी ली.

इसे भी पढ़ें: पेरिस ओलंपिक एक शानदार अनुभव था… श्रेयसी सिंह ने बताया एक साथ कैसे संभाल रहीं खेल और राजनीति

Q. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कितने मेडल अब तक आप जीत चुकी हैं?

वर्ष 2017 में जूनियर नेशनल में रजत पदक मिला. वर्ष 2019 में जूनियर नेशनल में दो रजत और एक कांस्य पदक जीता. वर्ष 2022 में सीनियर नेशनल में एक कांस्य पदक जीता. वर्ष 2023 में दुबई ओपन में दो कांस्य पदक हासिल किया. इसी वर्ष थाइलैंड एज ग्रुप चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक मिला.

Q. आपका अगला लक्ष्य क्या है?

सीनियर नेशनल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद मेरा अगला लक्ष्य एशियन गेम्स में क्वालीफाई कर देश के लिए पदक जीतना है.

इस वीडियो को भी देखें: चक्रवाती तूफान ने बिगाड़ा मौसम का हाल

Exit mobile version