Makar Sankranti : पटना. मकर संक्रांति के मौके पर बिहार की सियासत में दही-चूड़ा पॉलिटिक्स की खूब चर्चा होती है. विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता है. हालांकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का दही-चूड़ा भोज हर साल खास होता है. इस बार भी राबड़ी आवास पर लालू प्रसाद की तरफ से दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है, लेकिन इस भोज में खास नेताओं को ही बुलाया गया है. पहले की तरह इस बार लालू यादव ने अपने घर के दरवाजे हर किसी के लिए नहीं खोले हैं.
नीतीश कुमार से नहीं बनी गठबंधन की बात
बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति का खास महत्व रहा है. बिहार में इस दिन सियासी खिचड़ी खूब पकती रही है. आज के दिन राजनीतिक समीकरण बिगड़ते और बनते हैं. हालांकि इस बार के मकर संक्रांति में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है, हालांकि कुछ दिनों पहले तक इसकी चर्चा जरूर थी लेकिन बात आई गई हो गई. लालू प्रसाद ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को साथ आने का खुला ऑफर दिया था, लेकिन नीतीश कुमार की ओर से उनका ऑफर ठुकराए जाने के बाद कयासों पर विराम लग गया था.
दो दिनों से चल रही है भोज की तैयारी
इसी बीच, 14 जनवरी को राबड़ी आवास पर लालू प्रसाद की तरफ से पारंपरिक दही चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है. दो दिन पहले से ही राबड़ी आवास में इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. जानकारी के मुताबिक, इस भोज में सिर्फ चुनिंदा नेताओं का ही बुलाया गया है. कुछ साल पहले तक पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ताओं के साथ साथ आम लोगों के लिए राबड़ी आवास में दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता था, लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी चुनिंदा नेताओं को ही भोज दिया गया है.
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