संक्रांति पर सजा सेहत का बाजार

संक्रांति की तिथि हमारे जीवन में नव चेतना लेकर आती है और इसी दिन से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति का त्योहार जैसे-जैसे करीब आ रहा है, घर से लेकर बाजारों में गुड और तिलकुट की सोंधी खुशबू फैलने लगी है. पटना के हर चौक-चौराहों और गली-मोहल्लों में तिलकुट, लाई, चूड़ा, गुड़ की स्थायी और अस्थायी दुकानें सज गयी हैं. मकर संक्रांति को देखते हुए दुकानों में कारीगर पूरे दिन तिलकुट तैयार कर रहे हैं और लोग इसकी खरीदारी भी कर रहे हैं. मकर संक्रांति पर सजे ‘सेहत के बाजार’ पर पेश है लाइफ@सिटी की रिपोर्ट.

By Prabhat Khabar News Desk | January 9, 2025 9:27 PM
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– नये साल के पहले पर्व ‘मकर संक्रांति’ को लेकर सजा तिलकुट का बाजार – पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र में 14 जनवरी को मनायी जायेगी मकर संक्रांति

– 2:55 बजे 14 को सूर्य देव मकर राशि में करेंगे प्रवेश, खत्म होगा खरमास

– इस माह लोहड़ी, पोंगल, मकर संक्रांति का मनाया जायेगा पर्व

– गुड़ का तिलकुट, गजक और बदाम पट्टी की खूब हो रही खरीदारी

– लोहड़ी के लिए कुरकुरे, गुड़ के गजक और कैंडी गजक की मांग

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लाइफ रिपोर्टर@पटना

संक्रांति की तिथि हमारे जीवन में नव चेतना लेकर आती है और इसी दिन से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति का त्योहार जैसे-जैसे करीब आ रहा है, घर से लेकर बाजारों में गुड और तिलकुट की सोंधी खुशबू फैलने लगी है. पटना के हर चौक-चौराहों और गली-मोहल्लों में तिलकुट, लाई, चूड़ा, गुड़ की स्थायी और अस्थायी दुकानें सज गयी हैं. मकर संक्रांति को देखते हुए दुकानों में कारीगर पूरे दिन तिलकुट तैयार कर रहे हैं और लोग इसकी खरीदारी भी कर रहे हैं. मकर संक्रांति पर सजे ‘सेहत के बाजार’ पर पेश है लाइफ@सिटी की रिपोर्ट.

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गुड़ के तिलकुट का डिमांड सबसे अधिक

तिलकुट दुकानदार जितेंद्र कुमार बताते हैं कि दिसंबर माह के पहले तारीख से गया के कारीगर तिलकुट बनाने में लगे हैं. वे पालीगंज के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ग्राहक खरीदारी कर रहे हैं वैसे ही कारीगर इसे तैयार कर रहे हैं. 30 से 40 क्विंटल तिलकुट एक सीजन में बेचते हैं. सीजन के बाद फल बेचते हैं. दुकान में बादाम चिक्की, तिलकुट, लड्डू, गजक आदि उपलब्ध है. लेकिन, डिमांड सबसे अधिक गुड़ के तिलकुट का है. कारीगर में गया से सुधीर, धर्मेंद्र, गुड्डू, कुंदन व राहुल हैं.

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सीजन में खोआ तिलकुट है खास

मकर संक्रांति के अवसर पर लोग इस साल खोया तिलकुट की भी खरीदारी रहे हैं. इस साल बाजार में खोया तिलकुट 400 से 600 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहे हैं. वहीं, बादाम चिक्की 200 रुपये, गुड़ तिलकुट 350 से 400, चीनी तिलकुट 300 से 400, सफेद तिल पापड़ी व काला तिल पापड़ी 320 रुपये किलो, सफेद व काले तिल का लड्डू 320 रुपये व गजक 240 रुपये किलो बिक रही है.

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शुगर फ्री व फ्लेवर्ड तिलकुट भी बाजार में

राजीव नगर चौराहे के पास तिलकुट बना रहे कारीगर गुड्डू कुमार शुगर फ्री तिलकुट तैयार कर रहे हैं. इस तिलकुट को डायबिटीज पेशेंट भी आसानी के साथ खा सकते हैं. इस शुगर फ्री तिलकुट को खाने से शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा. ये तिलकुट उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है, जो शुगर के मरीज होने की वजह से तिलकुट का स्वाद नहीं ले पाते हैं. दरअसल, इस तिलकुट को लिक्विड सुक्रोज के साथ तैयार किया जा रहा है. इसके अलावे चीनी व गुड़ के भी तिलकुट तैयार कर रहे हैं. यहां से भी गुड़ के तिलकुट की डिमांड अधिक है. यहां जहानाबाद के कारीगर बना रहे हैं.

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देश भर में प्रसिद्ध है गया का तिलकुट

मकर संक्रांति के दिन तिल खाना पुण्यदायी माना जाता है. गया में तिलकुट बनाने की परंपरा की शुरुआत का कोई प्रमाण तो नहीं है, लेकिन यह आम धारणा है कि धर्म नगरी गया में तिलकुट बनाने का कार्य सदियों पूर्व प्रारंभ हुआ था. यहां का तिलकुट विशेष रूप से खस्ता और स्वादिष्ट होता है, जो छूते ही टूट जाता है. यह स्थानीय कारीगरों द्वारा हाथ से कूटकर तैयार किया जाता है. गया के रमना मुहल्ले में तिलकुट निर्माण की परंपरा शुरू हुई थी और अब यह कई इलाकों में प्रचलित है, जहां खानदानी कारीगर तिलकुट बनाने का कार्य करते हैं. यहां से झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र और पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल में भी सप्लाई होती है.

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जानें तिल के फायदे : हड्डियां होंगी इससे मजबूत

तिलकुट मुख्य रूप से तिल के बीजों से बना होता है. तिल में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और कई तरह के विटामिन पाये जाते हैं. इसमें कैल्शियम की भी मात्रा अधिक होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए ठंड के मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है. यह आयुर्वेदिक दवा का भी काम करता है. तिलकुट खाने से कब्ज जैसी समस्याओं का समाधान होता है और यह पाचन क्रिया को भी सुधारता है. तिल एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं.

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सुधा की पहल : 12 और 13 को टैंकर के जरिये दूध की जायेगी सप्लाई

मकर संक्रांति को लेकर पटना डेयरी प्रोजेक्ट ने दूध और दही को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है. सुधा बूथ के अलावा 12 और 13 जनवरी को टैंकर के जरिये दूध उपलब्ध कराया जायेगा. पटना डेयरी के मुख्य प्रबंधक रुपेश राज ने बताया कि दूध की मांग को देखते हुए टैंकर के जरिये भी दूध बोरिंग रोड चौराहा, राजवंशी नगर हनुमान मंदिर के पास, जगदेव पथ पर भी मिलेगा. दूसरा टैंकर के जरिये भी दूध पीरबहोर थाना, दिनकर गोलंबर नाला रोड, गायघाट पुल के नीचे भी मिलेगा. दही एक्सप्रेस के द्वारा दही एवं अन्य सभी दुग्ध उत्पाद की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 31 लाख लीटर दूध की सप्लाइ की गयी थी, लेकिन मांग को देखते हुए इस बार 35 लाख लीटर दूध की सप्लाई की जायेगी. इसी तरह पिछले साल दही 735 मैट्रिक टन था, जिसे इस बार बढ़ाकर 950 मीट्रिक टन किया गया है. वहीं पिछले साल तिलकुट 15 मीट्रिक टन सप्लाई की गयी थी. इस बार 18 मीट्रिक टन तिलकुट तैयार किया गया है. खोवा तिलकुट 250 रुपये (500 ग्राम) और सादा तिलकुट 150 रुपये (400 ग्राम) कीमत रखा गया है. तिलकुट सभी बूथ पर उपलब्ध होगा.

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दही खाओ, इनाम पाओ प्रतियोगिता 18 को

-प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागी को करना होगा रजिस्ट्रेशन

पटना. पटना प्रोजेक्ट डेयरी परिसर में 18 जनवरी को दही खाओ, इनाम पाओ प्रतियोगिता होगी. इसके लिए प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रतिभागी को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक रुपेश राज ने गुरुवार को बताया कि प्रतियोगिता के लिए महिला, पुरुष और सीनियर सिटीजन को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है. कोई भी महिला व पुरुष, जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो, इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं. रुपेश राज ने बताया कि ने यह प्रतियोगिता पिछले 14 सालों से हर साल मकर संक्रांति के बाद होती है. प्रतियोगिता 18 जनवरी को फुलवारीशरीफ स्थित पटना डेयरी प्रोजेक्ट के परिसर में होगी. प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के दिन अपना पहचान पत्र साथ लेकर आना होगा.

रुपेश राज ने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों को तीन मिनट का समय दिया जाता है. इस समय अवधि में जो प्रतिभागी सबसे ज्यादा दही खायेगा, उसको विजेता घोषित किया जायेगा. दही की अधिकतम मात्रा खाने वाले को प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी में विजेता को पटना डेयरी प्रोजेक्ट का गिफ्ट हैंपर दिया जायेगा. अगर आप भी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं, तो 17 जनवरी शाम पांच बजे तक मोबाइल नंबर 6204381026 पर अपना नाम, पता, उम्र, लिंग और मोबाइल नंबर लिखकर एसएमएस करके अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

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