Loading election data...

10 जिलों के 3393 गांवों में शुरू हुई मखाना की खेती

बामेती पटना के सभागार में शुक्रवार को मखाना पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया एवं खगड़िया जिले के मखाना उत्पादक किसानों ने भाग लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2024 1:14 AM

– कृषि विभाग के सचिव ने मखाना उत्पादक किसानों से किया संवाद संवाददाता, पटना बामेती पटना के सभागार में शुक्रवार को मखाना पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया एवं खगड़िया जिले के मखाना उत्पादक किसानों ने भाग लिया. इस दौरान कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने इन जिलों के मखाना उत्पादक किसानों से मखाना उत्पादन में आने वाली कठिनाइयों के बारे में संवाद किया. मखाना उत्पादक किसानों एवं श्रमिकों की चुनौतियों को समझा गया.कृषि सचिव ने बताया कि अभी तक 10 जिलों के 3393 गांवों, 781 ग्राम पंचायत तथा 67 प्रखंडों में मखाना की खेती की जाती है. राज्य में मखाना उत्पादक किसानों की संख्या 9777 है, जिनमें 829 किसान तालाब प्रणाली, 8871 किसान खेत प्रणाली तथा 77 किसान दोनों प्रणाली से मखाना का उत्पादन करते है. सचिव ने बताया कि उत्पादक किसानों तथा खेत, तालाब तथा खेत एवं तालाब प्रणाली से मखाना उत्पादन क्षेत्रफल तथा किसानों के पास उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं का सर्वे कराया जा रहा है. यह सर्वे मई माह में पूर्ण कर लिया जायेगा. कृषि सचिव ने बताया कि पूरे भारत का 85 फीसदी मखाना उत्पादन अकेले उत्तर बिहार में हो रहा है. दोगुना होगा मखाना उत्पादन का लक्ष्य बिहार में मखाना के मुख्य उत्पादक जिला दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया एवं खगड़िया हैं. इन जिलों में मखाना उत्पादान दोगुना करने के उद्देश्य से काम होगा. इसके लिए सचिव ने अगले वर्ष के लिए अभी से लाभुकों का चयन करने का निर्देश दिया. मखाना बीज हर दो साल पर बदलने का सुझाव दिया. बताया कि सरकार द्वारा बीज के मूल्य पर 75 प्रतिशत अथवा 5400 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की व्यवस्था की गयी है. मौके पर कृषि विभाग के अपर सचिव शैलेंद्र कुमार, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, निदेशक, बामेती आभांशु सी जैन, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के वरीय वैज्ञानिक डाॅ अनिल कुमार, राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा के वरीय वैज्ञानिक एवं भारतीय स्टेट बैंक के पदाधिकारी उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version