मणिपुर हिंसा: ओवरटाइम मजदूरी कर रहा था बिहार का दशरथ, अधूरा रह गया शादी करने का सपना
Manipur Violence: मणिपुर में मारे गए बिहार के गोपालगंज निवासी मजदूर दशरथ का सपना था कि उसकी शादी धूमधाम से हो. शादी से पहले वह अपना मकान बनाना चाहता था और इसके लिए पैसे जुटाने मणिपुर गया था.
मणिपुर में बिहार के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. गोपालगंज के रहने वाले दोनों मृतक जादोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत राजवाही गांव के बिन टोली निवासी सोनेलाल मुखिया(18 वर्ष) और दशरथ कुमार (17 वर्ष) के घर में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों ही लड़के बेहद कम उम्र के थे और मेहनत-मजदूरी करके चार पैसे कमाने घर से परदेश गए थे. दशरथ की शादी करने की तैयारी में उनके घर वाले जुट गए थे जबकि सोनेलाल अपने परिवार पर आयी आफत को कम करने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने मणिपुर गया था. दोनों का शव उनके गांव अब लौटेगा. दोनों की हत्या से इलाके के लोग मर्माहत हैं और गांव में शोक की लहर है.
अपने भाई के साथ दिहाड़ी मजदूरी करके कमाने गया था दशरथ
गोपालगंज जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत राजवाही गांव के बिन टोली निवासी दशरथ अपने भाई संतोष सहनी के साथ दिवाली के अगले दिन 1 नवंबर 2024 को मणिपुर गया था. उनके साथ गांव के 10-11 लोग और थे जो मजदूरी करने निकले थे. 500 रुपए प्रतिदिन की दिहाड़ी पर ये वहां काम करते थे. ओवरटाइम करने पर 200 रुपए रोजाना और कमा लेते थे. दोनों भाइयों की अब शादी की तैयारी घरवालों ने शुरू कर दी थी.
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शादी की हो रही थी तैयारी, मकान बनाने के लिए पैसे जुटाने गया था मणिपुर
6 भाइयों में तीसरे नंबर पर दशरथ था जिसके दो बड़े भाइयों की शादी हो चुकी थी. अब दशरथ की शादी होने वाली थी. लेकिन घर नहीं था तो मकान बनाने के लिए पैसे की जरुरत देखते हुए वो मजदूरी करने निकल गया था. गांव के ही अन्य लोग कमाने के लिए मणिपुर जाने लगे तो दशरथ भी साथ चला गया था.
होली में आने वाला था घर, अब शव पहुंचेगा गांव
मृतक दशरथ के पिता मोहन सहनी कहते हैं कि बेटा का सपना था कि घर बनने के बाद धूमधाम से शादी करेंगे. लेकिन उसका यह सपना अब अधूरा ही रह गया. उन्होंने कहा कि उसे अपने घर पर काम नहीं मिल रहा था इसलिए दोनों बेटे मेहन मजदूरी करके कमाने के लिए मणिपुर चले गए थे. होली में दोनों घर आने वाले थे. लेकिन उपद्रवियों ने दशरथ को मौत के घाट उतार दिया. मोहन सहनी ने कहा कि मणिपुर में मारे गए दोनों मजदूरों के शव को ठेकेदार वहीं दाह-संस्कार करवाने का दबाव बना रहा था लेकिन शव को गांव मंगाने की गुहार सरकार और प्रशासन से हमने लगायी है.