और जब 2008 में कुसहा की त्रासदी देख हिल गये थे मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह का बिहार से गहरा नाता रहा था. अंतिम रूप से वे 2008 में कुसहा बांध टूटने के दौरान आयी बिहार की भयंकर बाढ़ की त्रासदी देखने वे खुद बिहार आये थे.
बिहार से गहरा था नाता, सोनिया गांधी और शिवराज पाटिल के साथ किया था एरियल सर्वे
मिथिलेश,पटनापूर्व प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह का बिहार से गहरा नाता रहा था. अंतिम रूप से वे 2008 में कुसहा बांध टूटने के दौरान आयी बिहार की भयंकर बाढ़ की त्रासदी देखने वे खुद बिहार आये थे. उन्होंने बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था. पूर्णिया एयरपोर्ट पर उन्होंने बाढ़ की विभीषिका स्वीकारते हुए एक हजार करोड़ रुपये की तत्काल सहायता देने का ऐलान किया था. साथ ही सवा लाख टन अनाज भी बाढ़पीड़ितों को देने की बात कही थी. इसके पहले डाॅ मनमोहन सिंह जुलाई 2007 में भी बिहार आये थे.उस समय बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई में एनडीए की सरकार बन चुकी थी. पटना में नेशनल डेवेलपमेंट काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने बैठक की अध्यक्षता की थी. जानकार बताते हैं कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के रूप में 27 जुलाई,2004 को भी पटना आये थे. बिहार को जब विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग जोर पकड़ी, तो प्रधानमंत्री के रूप में डाॅ मनमोहन सिंह ने रघुराम राजन की अध्यक्षता में बिहार की मांग पर गौर करने के लिए विशेष कमेटी गठित की थी. जानकार बताते हैं कि डाॅ मनमोहन सिंह की पहल से ही पटना में डाल्फिन रिसर्च सेंटर बन पाया था. राज्य सरकार के दिये प्रस्ताव पर मनमोहन सिंह की सरकार ने सहमति दी थी. भारतीय रिजर्व बैंक में गर्वनर के रूप में उन्होंने एसआर सेन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर बिहार की एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी के बारे में अध्ययन करने के लिए कहा था.योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में भी डॉ सिंह ने बिहार की विकास संबंधी समस्याओं में व्यक्तिगत रुचि ली. उनकी पहल पर ही सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, नयी दिल्ली ने 1989 में बिहार: विकास की समस्याएं शीर्षक से एक अध्ययन किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है