सुशांत सिंह राजपूत ने याद कर बोले मनोज वाजपेयी, ‘मैं उनके बराबर टैलेंटिड नहीं…’
manoj bajpayee on sushant singh rajput death : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput suicide) ने हिंदी फिल्म उद्योग के भीतर गहरी जड़े जमाए हुए मतभेदों को सामने ला दिया है. इसके साथ ही बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद (Nepotism) और भेदभाव भी सामने आ गए हैं. गत 14 जून को 34 वर्षीय अभिनेता का शव मुंबई स्थित उनके अपार्टमेंट में मिला था. उनकी मौत के बाद चकाचौंध से भरी यह दुनिया ‘‘अपने'', ‘‘बाहरी'' और ‘‘हम'' बनाम ‘‘वो'' के बीच बंट गई है.
Sushant Singh Rajput, Manoj Bajpayee : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput suicide) ने हिंदी फिल्म उद्योग के भीतर गहरी जड़े जमाए हुए मतभेदों को सामने ला दिया है. इसके साथ ही बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद (Nepotism) और भेदभाव भी सामने आ गए हैं. गत 14 जून को 34 वर्षीय अभिनेता का शव मुंबई स्थित उनके अपार्टमेंट में मिला था. उनकी मौत के बाद चकाचौंध से भरी यह दुनिया ‘‘अपने”, ‘‘बाहरी” और ‘‘हम” बनाम ‘‘वो” के बीच बंट गई है. एक वो हैं जिन्हें लोकप्रियता विरासत में मिली है और दूसरे जिन्होंने खून-पसीना बहाकर इसे पाया है.
मनोज वाजपेयी ने कही ये बात
अब अभिनेता मनोज वाजपेयी का कहना है कि उद्योग में जिस बदलाव को हर कोई देखना चाहता है वह तभी आ सकता है जब ताकतवर वर्ग ‘‘भीतरी-बाहरी” का भेद मिटा दें. उन्होंने कहा, ‘‘भाई-भतीजावाद पर कुछ वर्षों से चर्चा हो रही है. लेकिन यह बदलाव तभी आएगा जब प्रभावशाली स्थानों पर बैठे, स्थापित लोग इस उद्योग में आने वाले सभी प्रतिभाशाली लोगों के लिए इसे स्वस्थ और लोकतांत्रिक माहौल बनाएं.”
सुशांत के बारे में कहा
मनोज ने कहा, ‘हम सभी के पास उतार-चढ़ाव हैं. सुशांत भी अलग नहीं थे. मुझे नहीं लगता कि मैं इतना टैलंटेड हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं सुशांत की तरह इंटेलिजेंट भी हूं. मुझे नहीं लगता कि मैंने 34 साल की उम्र में वो हासिल किया जो सुशांत ने किया था. मेरे अचीवमेंट्स बहुत ही छोटे हैं. मैं उन्हें इसी तरह से याद करता हूं. उनके अंदर छोटे शहर पटना का लड़का छिपा था. जिससे मैं बहुत रिलेट करता था.’
जहां हर किसी का स्वागत हो
सुशांत की फिल्म ‘‘डिटेक्टिव व्योमकेश बक्शी” के निर्देशक दिबाकर बनर्जी ने कहा, ‘‘इस उद्योग को ऐसे स्थान में बदलने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी जहां हर किसी का स्वागत हो.” उन्होंने कहा कि बाहर से इस दुनिया में आए लोगों को फिल्म जगत, जनता और बॉक्स ऑफिस पर पैठ बनाने के लिए कलाकारों के बच्चों की तुलना में दोगुनी मेहनत करनी होती है. सुशांत सिंह राजपूत को संभवत: शाहरुख खान के बाद ऐसा खास अदाकार माना जाता है जिसने टेलीविजन की दुनिया से हिंदी फिल्मों की चमक-दमक में प्रवेश किया और नाम कमाया लेकिन उनकी मौत ने रुपहले पर्दे की दुरुह सच्चाई को सामने ला दिया.
स्टार किड्स पर साधा निशाना
सुशांत सिंह राजपूत के असमय चले जाने से हिंदी फिल्मों की दुनिया में बदलाव की बात शुरू हो गयी है. उनकी मौत के बाद करण जौहर, आलिया भट्ट और सोनम कपूर जैसे बड़े नामों और सितारा पुत्र-पुत्रियों को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. जौहर के शो ‘कॉफी विद करण’ की एक पुरानी क्लिप में आलिया भट्ट को राजपूत का मजाक उड़ाते और सोनम कपूर को उन्हें नहीं जानने की बात कहते सुना जा सकता है, जिस पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा सामने आया है. चेंज डॉट ओआरजी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन याचिका में जौहर, यशराज फिल्म्स और सलमान खान का बहिष्कार करने की बात कही गयी है, जिस पर अब तक करीब 38 लाख लोगों के दस्तखत के साथ समर्थन मिलने का दावा किया गया है.
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