केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद भारत में जनगणना का मुद्दा फिर एकबार गरमा गया है. भारत में जनगणना कब कराया जाएगा, इसे लेकर अब बयानबाजी शुरू हो गयी है. बिहार में राजद (RJD) की तरफ से भी इसपर प्रतिक्रिया आयी है. राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने केंद्र सरकार को जनगणना के मुद्दे पर घेरा है. उन्होंने लंबे समय से जनगणना रोके जाने और जातीय गणना के मुद्दे पर एनडीए सरकार पर निशाना साधा है. मनोज झा ने इस दौरान कई मुद्दों को उठाया और किस जाति की कितनी हिस्सेदारी है, इसे लेकर भी सवाल खड़े किए.
गृह मंत्री अमित शाह ने क्या बयान दिया?
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में मीडिया से बातचीत के दौरान जनगणना के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जनगणना उचित समय पर करेंगे और जब तय करेंगे तो मैं घोषणा भी करूंगा कि ये कैसे होगा और कब होगा. वहीं गृह मंत्री की इस प्रतिक्रिया के बाद सियासी दलों की ओर से भी बयानबाजी शुरू हो गयी. राजद प्रवक्ता सह सांसद मनोज झा ने कहा कि 2021 के बाद जनगणना ही नहीं हुई. इस देश में ये पहली बार हुआ है कि इतने लंबे समय से जनगणना को रोका गया हो.
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राजद सांसद मनोज झा की प्रतिक्रिया…
राजद सांसद मनोज झा ने ANI से बातचीत के दौरान कहा कि आखिर जनगणना क्यों नहीं हुआ है. हमें शक होता है और चिंता होती है. इतना विशाल देश है जहां बड़ी से बड़ी आपदा और मुश्किल दौर में जनगणना नहीं होगी. वहीं मनोज झा ने जातीय गणना को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इसमें भी कोई रॉकेट साइंस नहीं है.
मनोज झा ने जातीय गणना की मांग कर क्या कुछ कहा?
मनोज झा ने देश भर में जातीय गणना कराने की वकालत करते हुए कहा कि केवल एक कॉलम मात्र रखना है. जिसके माध्यम से सारी हकीकत सामने आ जाएगी. कौन कहां लगातार बैठा हुआ है और किसके बैठने की जगह नहीं है. ये पता चल जाएगा. अगर हम ये हासिल नहीं करना चाहते हैं तो बेशक हम उसी व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं जहां ढाई, तीन, चार प्रतिशत लोग 96 प्रतिशत लोगों के तकदीर का फैसला करती है.