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विशेष अभियान चला कर हाथ से मैला ढोने वालों की होगी पहचान

सूबे के गंदे व स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त शौचालयों के साथ ही हाथ से मैला ढोने वाले सफाईकर्मियों की पहचान को लेकर विशेष अभियान चलेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 12:40 AM

गंदे शौचालयों की होगी खोज, नगर विकास विभाग दिसंबर और फरवरी में चलायेगा अभियान

– स्थानीय निकायों के द्वारा शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कराया जायेगा सर्वेक्षण

संवाददाता, पटना.

सूबे के गंदे व स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त शौचालयों के साथ ही हाथ से मैला ढोने वाले सफाईकर्मियों की पहचान को लेकर विशेष अभियान चलेगा. ग्रामीण से लेकर शहरी स्थानीय निकायों में 11 दिसंबर से 28 दिसंबर तक सर्वेक्षण कर अस्वास्थ्यकर शौचालयों की पहचान होगी. वहीं, हाथ से मैला ढोने वाले कर्मियों की पहचान को लेकर फरवरी 2025 में पांच से 22 तारीख तक विशेष अभियान चलेगा. इसको लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग को नोडल बनाया गया है.

ब्लॉक या निकाय कार्यालय में दे सकेंगे जानकारी

नगर विकास एवं आवास विभाग ने बताया कि हाथ से मैला ढोने के कार्य में संलग्न कर्मियों की पहचान कर उनके पुनर्वासन को लेकर राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराया जा रहा है. इसके लिए नगर निकाय तथा ग्राम पंचायतों द्वारा सर्वेक्षक मनोनीत किए गये हैं. ऐसे कर्मी अपने प्रखंड के बीडीओ कार्यालय या शहरी क्षेत्रों के निकाय कार्यालय में संपर्क कर सर्वेक्षण से संबंधित एप पर अपनी डिटेल अपलोड करा सकते हैं. नमस्तेस्कीम डॉट कॉम पर उपलब्ध सेल्फ डिक्लेरशन फॉर्म के माध्यम से भी खुद विवरणी दर्ज कराई जा सकती है. विभाग ने सभी स्वयंसेवी संगठनों व सिविल सोसाइटी से भी इस संबंध में सूचना देने का आग्रह किया है.

विभिन्न रकारी योजनाओं को दिलाया जायेगा लाभ

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की इस संयुक्त पहल का उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई में शून्य मृत्यु दर प्राप्त करना और प्रशिक्षित श्रमिकों द्वारा सफाई कार्य सुनिश्चित कराना है, ताकि मानव मल के साथ उनका सीधे संपर्क रोका जा सके. ऐसे कर्मियों की प्रोफाइलिंग कर उनको आयुष्मान भारत, स्वच्छता उद्यमी सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा. वर्तमान में बिहार के 250 से अधिक शहरी निकायों में लगभग तीन हजार से अधिक वर्कर्स की प्रोफाइलिंग पूरी हो चुकी है. इनको राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की तरफ से पीपीइ किट उपलब्ध कराने की मंजूरी भी मिल गयी है.

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