पटना. सूबे में जब्त शराब की बोतल को नष्ट करने पर बचे अपशिष्ट कांच से जीविका दीदी चूड़ियां तैयार करेंगी. इसको लेकर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग और जीविका (बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन समाज) के बीच समझौता हुआ है. इस समझौते से जहां टूटे कांच से होने वाले भूमि प्रदूषण पर रोक लगेगी, वहीं जीविका दीदीयों को नया रोजगार भी मिल सकेगा.
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि इसको लेकर जीविका ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट में यह जिक्र होगा कि जीविका टूटे कांच कैसे इकट्ठा करेगी और उनका प्रोसेस किस तरह से होगा ? फिलहाल इसको लेकर कुछ जीविका समूहों को चूड़ी उद्योग से जुड़े इलाकों में प्रशिक्षण को लेकर भेजा गया है, ताकि उनको निर्माण प्रक्रिया की पूरी जानकारी हो सके.
उन्होंने बताया कि मद्य निषेध विभाग ने मदद के तौर पर फिलहाल जीविका को एक करोड़ रुपये दिये हैं. प्रारंभिक चरण में पटना में इसकी पहली निर्माण इकाई लगाने पर विचार हो रहा है. सफलता मिलने पर धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जायेगा. अधिकारियों के मुताबिक हर महीने औसतन दो-ढाई लाख से अधिक बोतलें बरामद की जाती हैं, जिनका निबटारा बड़ी चुनौती होता है.
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निबंधन आयुक्त ने बताया कि निबंधन विभाग से जुड़ी समस्याओं की सुनवाई को लेकर विभाग के स्तर पर जल्द ही अलग टॉल फ्री नंबर जारी किया जायेगा. मद्य निषेध विभाग के टॉल फ्री नंबर की तरह इस नंबर पर निबंधन से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत दर्ज करायी जा सकेगी. इन शिकायतों पर विभाग के स्तर से कार्रवाई की जायेगी. कई जिलों में आवेदकों के द्वारा अपर मुख्य सचिव को मिली शिकायत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. नंबर जल्द उपलब्ध कराने के लिए बीएसएनएल को अनुरोध किया गया है.