पटना : कोरोना वायरस इन दिनों पटना के स्वास्थ्यकर्मियों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है. बुधवार को एक साथ शहर के दो बड़े अस्पतालों आइजीआइएमएस और एनएमसीएच की नर्स कोरोना पाॅजिटिव पायी गयी. एनएमसीएच में किसी स्वास्थ्यकर्मी के पाॅजिटिव पाये जाने का यह पहला केस था. वहीं आइजीआइएमएस में छह मई को भी एक नर्स कोरोना पाॅजिटिव पायी गयी. यह दोनों जेनरल सर्जरी विभाग में कार्यरत थीं.
बता दें कि इससे पहले भी आइजीआइएमएस के एमडीआर टीबी वार्ड में तैनात एक नर्स में कोरोना निकला था. इसके साथ ही यहां की एक सफाई कर्मी और रेडियोलाॅजी विभाग का कर्मचारी भी कोरोना पाॅजिटिव आ चुका है. इन सब से पहले पटना के निजी अस्पताल शरणम के स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
आइजीआइएमएस में कोरोना वायरस के संदेह में अब तक 80 डाॅक्टरों, नर्सो समेत स्वास्थ्यकर्मियों की जांच हो चुकी है. पिछले महीने ही कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के संपर्क में आने के बाद एक साथ करीब 68 डाॅक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को होम क्वारंटीन में भेजा जा गया था. इसके कारण कई वार्ड और विभाग को भी बंद करना पड़ा. इस खतरे से बचने के लिये यहां अब भर्ती होने वाले मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गयी है. आइजीआइएमएस के सभी हाॅट स्पाॅट में रोजाना चार बार सेनेटाइजेशन का काम होता है. इसमें सभी आइसोलेशन वार्ड, इमरजेंसी, आइसीयू शामिल हैं. वहीं अस्पताल के दूसरे वार्डो और अन्य जगहों पर भी रोजाना दो बार सेनेटाइजेशन हो रहा है.
एनएमसीएच को सरकार ने कोविड 19 अस्पताल बना रखा है. यहां कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को भर्ती कर इलाज होता है. लेकिन इसकी नर्स भी अब कोरोना की चपेट में आ चुकी है. यहां कोरोना से बचाव के लिये सेनेटाइजेशन का काम दिन में कई बार होता है. इसके साथ ही अब तक संदेह के आधार पर करीब 150 से ज्यादा डाॅक्टरों, नर्सो और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना जांच हो चुकी है. अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें कोरोना से बचाने के लिये कई बैठकें और वर्कशाॅप हो चुकी है.
पीएमसीएच के डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खतरे के बीच काम कर रहे हैं. इनमें कोरोना का संक्रमण नहीं फैले इसके लिये पीएमसीएच प्रशासन ने यहां के सभी डाॅक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना जांच करवाने का फैसला लिया है. कई चरणों में इसे किया जाना है. अब तक करीब 50 की जांच हो भी चुकी है.