बिहार के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बनेगा मशरूम हट, 30 प्रकार के व्यंजन बनाने का मिलेगा प्रशिक्षण, जानें फायदे
राज्य के सभी आंगनबाड़ी के केंद्रों में मशरूम हट बनाया जायेगा, जिसकी शुरुआत नालंदा के हरनौत से की गयी है. इसका फायदा बच्चों, गर्भवती व धातृ महिलाओं के पोषाहार में उपयोग होगा और 30 तरह के व्यंजन बनाये जायेंगे. मशरूम हट के निर्माण के लिए सभी सीडीपीओ को पत्र भेजा गया है. जिसके बाद जहां आंगनबाड़ी की अपनी जमीन होगी या किराये के मकान में मशरूम हट बनाने के लिए जगह होगी . वहां पर इसका निर्माण कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के सहयोग से होगा.
राज्य के सभी आंगनबाड़ी के केंद्रों में मशरूम हट बनाया जायेगा, जिसकी शुरुआत नालंदा के हरनौत से की गयी है. इसका फायदा बच्चों, गर्भवती व धातृ महिलाओं के पोषाहार में उपयोग होगा और 30 तरह के व्यंजन बनाये जायेंगे. मशरूम हट के निर्माण के लिए सभी सीडीपीओ को पत्र भेजा गया है. जिसके बाद जहां आंगनबाड़ी की अपनी जमीन होगी या किराये के मकान में मशरूम हट बनाने के लिए जगह होगी . वहां पर इसका निर्माण कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के सहयोग से होगा.
मशरूम का बनेगा अचार व सूप
आंगनबाड़ी केंद्रों में मशरूम से 30 प्रकार के व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें सबसे अचार व सूप बनाने के लिए सहायिका को प्रशिक्षण दिया गया है ताकि बच्चों का पोषाहार में इसे हर दिन थोड़ा-थोड़ा शामिल किया जा सकें.
साल भर होगी मशरूम की खेती
मशरूम हट का निर्माण इस तरह से किया जायेगा, जिसमें मौसम के बदलाव का भी असर कम से कम पड़े, ताकि वहां साल में कम- से- कम 10 माह मशरूम को लगाया जा सके. इसके लिए सभी सेविका-सहायिका को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वह इस मशरूम हट की देखभाल अपने स्तर पर भी कर सकें.
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राज्यभर में एक लाख 14 हजार 718 आंगनबाड़ी केंद्र
राज्यभर में एक लाख 14 हजार 718 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जहां जीरो से लेकर छह वर्ष के बच्चे, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं एवं किशोरी को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है. यहां से केंद्र व राज्य की योजनाओं का लाभ लाभुकों को मिलता है.
आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या
स्कूल 4010
अपना भवन 26097
किराया 80 हजार
Posted By: Thakur Shaktilochan