यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के क्रेज से आम से लेकर खास तक हैरान, सीएम नीतीश ने कहा- ये राष्ट्रीय समस्या
भारत से बड़ी संख्या में छात्रों का मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाना आम से लेकर खास लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बन चुका है.बिहार के मुख्यमंत्री ने भी इसपर आश्चर्य जताते हुए इसे राष्ट्रीय समस्या बताया है.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा तनाव अब युद्ध में तब्दील हो चुका है.रूस यूक्रेन पर लगातार हमला कर रहा है जबकि यूक्रेन भी इस हमले का जवाब दे रहा है. पिछले कुछ दिनों से पूरे हिंदुस्तान में ये मामला गरमाया हुआ है. दोनों देशों के बीच दागे जा रहे हर एक मिसाइल पर भारत में भी बहस छिड़ी हुई है. कारण यह है कि यूक्रेन में भारत के हजारों छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने गये हैं और वहीं फंस गये. जिन्हें धीरे-धीरे सरकार अब वतन वापस ला रही है. वहीं ये आम लोगों से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी हैरान करने वाला सच है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र भारत से यूक्रेन जाकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं.
यूक्रेन-रूस युद्ध में बिहार समेत पूरे भारत के हजारों छात्र प्रभावित हुए हैं जो यूक्रेन में रहकर पढ़ाई करते थे. युद्ध के इस माहौल में वो वहां फंसे हुए हैं और सरकार धीरे-धीरे उन्हें वापस ला रही है. इस बीच एक भारतीय छात्र की मौत रूस के हमले में हो गयी तो मृतक के पिता ने भारत में मेडिकल के लिए एडमिशन की सुविधा और प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये. जिसके बाद लोगों के बीच ये चर्चा का विषय है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में भारत के छात्र यूक्रेन जाकर मेडिकल का कोर्स करते हैं. ये जानकारी आम लोगों के बीच पहले नहीं थी.
यूक्रेन में बड़ी तादाद में जाकर मेडिकल कर रहे भारतीय छात्र आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी आश्चर्य का विषय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यूक्रेन में बड़ी संख्या में छात्रों को मेडिकल की पढ़ाइ करने जाना एक राष्ट्रीय समस्या है. इस पर राष्ट्रीय स्तर पर विचार होने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि यूक्रेन इतनी संख्या में लोग पढ़ने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि अभी तक किसी को यह जानकारी नहीं थी कि यूक्रेन में इतनी बड़ी संख्या में छात्र जाकर पढ़ते हैं.
सीएम नीतश ने कहा कि बिहार जैसे आर्थिक रूप से गरीब राज्य के ही नहीं बल्कि अमीर राज्यों के विद्यार्थी भी वहां जाकर पढ़ायी कर रहे हैं. यह मामला सिर्फ बिहार का नहीं है. यह समस्या राष्ट्रीय स्तर की है और इसका समाधान तो राष्ट्रीय स्तर पर किया जाना चाहिए. यह सिर्फ राज्य का विषय नहीं है.
Published By: Thakur Shaktilochan