मानसिक स्वास्थ्य को दी तरजीह, पाया मुकाम
Patna News : अगर आप सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहीं हैं, तो यह सफर हर किसी के लिए आसान नहीं होता है. एक बार अगर आप इस रास्ते पर चलने की ठान लेती हैं, तो मंजिल मिलने तक सफर पर बिना थके अडिग रहना पड़ता है.
बीपीएससी व न्यायिक सेवा की सफल प्रतिभागियों के मंत्र जुही स्मिता, पटना अगर आप सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे हैं, तो यह सफर हर किसी के लिए आसान नहीं होता है. एक बार अगर आप इस रास्ते पर चलने की ठान लेते हैं, तो मंजिल मिलने तक सफर पर बिना थके अडिग रहना पड़ता है. किसी को इसे पूरा करने में कम, तो किसी को ज्यादा वक्त लगता है. तैयारी के इन सालों में आपको कई बार असफलताओं का भी सामना करना पड़ता है, जिसका असर सीधे आपके मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. इसी मेंटल हेल्थ को लेकर इस बार बीपीएससी 69वीं और 32वीं बीपीएससी न्यायिक सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिभागियों से बातचीत की गयी, जिसमें उन्होंने कैसे खुद के मेंटल हेल्थ का ख्याल रखते हुए सफलता हासिल की, इसके बारे में बताया. ———————- समय निबंधन के साथ रूटीन में शामिल किया योग मूल रूप से औरंगाबाद की रहने वाली क्रांति कुमारी को 69वीं बीपीएससी परीक्षा में छठां स्थान प्राप्त हुआ है. उनका यह सफर चुनौतियों से भर रहा है. केमेस्ट्री ऑनर्स में करने के बाद 2021 में सिविल सर्विसेस की तैयारी करने का मन बनाया. 2021 में यूपीएससी की पहली परीक्षा दी, लेकिन कुछ अंकों से असफल हुई. इसके बाद भी तैयारी जारी रखी और 2023 में बीपीएससी परीक्षा दी और पहले प्रयास में सफल रहीं. यह तीन साल का सफर आसान नहीं था. प्रेशर काफी था, लेकिन ये खुद को मेंटली फीट रखने के लिए हर दिन सुबह योग और एक्सरसाइज करती थीं. फिर दो घंटे की पढ़ाई के बाद घर का काम करती थीं. प्रीलिम्स के बाद मेन्स की परीक्षा के पहले इनकी तबीयत खराब हो गयी़. इसके बाद भी वह सेंटर पहुंची और खुद को मेंटली तैयार कर एग्जाम दिया. सोशल मीडिया से दूरी बनायी, सिर्फ टेलीग्राम, वाट्सएप और यूट्यूब का तैयारी के लिए इस्तेमाल किया. जो लोग उन्हें पहले ताने देते थे आज उनका नजरिया बदल गया है. ————————– सफल होना है, तो पहले खुद को खुश रखें बोरिंग रोड की रहने वाली आकांक्षा चौधरी को 69वीं बीपीएससी में 14 वां रैक मिला है. इनका चयन बिहार एजुकेशन सर्विस के लिए हुआ है. कोलकाता से बीटेक करने के बाद गेट के लिए दो साल की तैयारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली. बचपन से सिविल सर्विसेस में जाना था, लेकिन 2017 में बीटेक पूरा कर लिया. पर नौकरी नहीं की और 2024 तक तैयारी करती रहीं. इस दौरान आसपास के लोगों ने ताने भी दिये, पर इन्होंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि परिवार का इन्हें सपोर्ट मिला. इन सात सालों में उन्होंने बीपीएससी और सीडीपीओ के पहले तीन प्रयासों में असफलता मिली, जिसका असर इनके मेंटल हेल्थ पर भी पड़ा लेकिन कहते है कि अगर असफलताओं के दौरान रूके तो आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं. लेकिन इन्होंने खुश रहने को मंत्र बनाया और चौथे प्रयास में सफल रहीं. इस दौरान पढ़ाई के लिए टेलीग्राम, वाट्सएप का उपयोग कर टीचर्स की मदद ली. ————– एथलीट रहीं हूं, तो मेंटल हेल्थ को फिट रखना आसान रहा मंगेर की रहने वाली पूजा कुमारी ने 69वीं बीपीएससी परीक्षा में 76 रैंक हासिल डीएसपी पद हासिल किया है. बीटेक में 2017 में ग्रेजुएशन किया. पढ़ाई के दौरान वह एक एनजीओ से जुड़ीं, जिसमें वह बच्चों और महिलाओं को शिक्षित करती थीं. इसी दौरान इनका रुझान सिविल सर्विसेस के लिए हुआ. एक साल जॉब भी किया जिसे बाद छोड़ दिया. 2019 से तैयारी शुरु की. जब इस क्षेत्र में आते हैं तो आपको सही तरीके से गाइड करने वाले नहीं मिलते हैं. यही वजह रही कि दो साल इस परीक्षा को समझने में निकल गये. इस दौरान मेंटल स्ट्रेंस बढ़ा. एथलीट होने से खुद को फिजिकली और मेंटली फीट रखने के लिए रनिंग और जिम करती थीं. घरवालों का सहयोग था लेकिन बाहर के लोगों से ताने भी मिले. सोशल मीडिया से दूर रही. साल 2022 में शादी हो गयी, लेकिन तैयारी जारी रही. पति और देवर ने हमेशा सपोर्ट किया. —————– मेडिटेशन के साथ डांस क्लास कर खुद को रखा स्ट्रेस फ्री 32वीं बीपीएससी न्यायिक सेवा में हथुआ मार्केट की रहने वाली सुकृति अग्रवाल को पहले प्रयास में दूसरा रैंक मिला है. क्लैट निकालने के बाद सीएनएलयू से एलएलबी किया. 2021 में मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस में कार्य किया. इसी दौरान एलएलएम भी किया. नौकरी के दौरान बीपीएससी मेन्स की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ दी. लॉकडाउन के दौरान सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए कोचिंग ली. फिर सेल्फ स्टडी पढ़ाई के साथ जारी रखा. 2022 से तैयारी में रम गयी. सोशल मीडिया पर दोस्तों की उपलब्धि देखती, तो लगता था कि पीछे रह गयी हूं. इससे काफी मेंटल स्ट्रेस होता था. यही वजह से थी सोशल मीडिया दूर हो गयी. यूपीएससी दो अंक से क्लियर नहीं हो पाया तो बड़ा झटका लगा. उस वक्त परिवार और दोस्तों ने काफी मदद की. मामी के कहने पर पढ़ाई के साथ मेडिटेशन और डांस क्लास किया. डेडिकेशन और सेल्फ मोटिवेशन से मुकाम हासिल किया. ———– असफलता से सीख की तैयारी, मिली सफलता अथमलगोला की रहने वाली अंकिता चौधरी ने 32वें बीपीएससी न्यायिक सेवा परीक्षा में 9वां स्थान हासिल किया है. साइंस स्ट्रीम से होने के बावजूद क्लैट पास किया और पंजाब के लॉ कॉलेज से एलएलबी किया. यह सब करने का मकसद था अपने दादा जी के पद चिह्नों पर चलना, जो पेशे से लॉ से जुड़े थे. 2021 से तैयारी शुरु की. कई लोगों ने कोचिंग के लिए कहा तो ऑनलाइन कोचिंग की और सेल्फ स्टडी जारी रखा. इस दौरान हरियाणा, छत्तीसगढ़ और यूपी न्यायिक सेवा परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. उस वक्त मानसिक तौर पर परेशान हुई थी लगा कि नहीं हो पायेगा लेकिन हार नहीं मानी. रोजाना मेडिटेशन और योग करती, इससे दिमाग शांत होता था और एकाग्रता से पढ़ाई में मदद मिली. लंबे समय तक पढ़ने के बजाय ब्रेक लेकर पढ़ें, इससे स्ट्रेस कम रहता है. इस दौरान शादी की बात चली, तो पैरेंट्स को समझाया और तैयारी जारी रखी. असफलता के दौरान कमियों को समझा और इस पर काम किया.
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