पटना सिटी : अगमकुआं स्थित सूबे के एक मात्र संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में फंगस से जुड़े खाद्य पदार्थों की जांच हो, इसके लिए माइक्रोबायोलॉजी यूनिट होगी. इस दिशा में भारतीय संरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत (एफएसएसएआइ) की ओर से कार्य चल रहा है. खाद्य प्रयोगशाला मे तीन अत्याधुनिक मशीन एक माह के अंदर लग जाने की उम्मीद है.
इन मशीनों के लग जाने से हल्दी, दूध, तेल व अन्य तरल पदार्थो की जांच उपलब्ध हो जायेगी. मौजूदा समय में संस्थान में केमिकल से सैंपल की जांच की जा रही है. दो माह के लॉकडाउन के कारण संस्थान में महज 537 सैंपल ही प्रदेशभर से जांच के लिए पहुंचे है. तीन अत्याधुनिक मशीन स्थापित करने की योजना प्रयोगशाला के निदेशक सह खाद्य विश्लेषक डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि संस्थान को तीन अत्याधुनिक मशीन उपलब्ध होना है.
यह मशीन एफएसएसएआइ की ओर से संस्थान को मिलेगा. निदेशक की मानें तो जीसी एमएसएमएस मशीन के लग जाने से दूध, मीट, मछली, अंडा, सब्जी के साथ फैटी आइटम की जांच होगी. इसी प्रकार से एलसी एमएसएमएस मशीन लग जाने से पशुओं की दवाओं, एंटीबाइटिक, क्रीम समेत अन्य खाद्य पदार्थ में किस कलर का प्रयोग कर मिलावट किया गया है, इसकी पड़ताल होगी.
जबकि आइसीपी एमएस मशीन के उपयोग से मिलावटी वस्तुओं की जांच होगी. निदेशक ने बताया कि इन मशीनों को स्थापित करने के लिए आधारभूत संरचना बना दी गयी है. इसके लिए लैब कमरे का निर्माण करा दिया गया है. एसी लगाने व टेबुल कुर्सी व उपकरण लगाने का कार्य पंद्रह दिनों में हो जायेगा. इसके बाद मशीन स्थापित कर दिया जायेगा. संभावना है कि एक माह में कार्य आरंभ हो जायेगा.
तीन आधुनिक मोबाइल चलंत वाहन उपलब्ध मिलावटी खाद्य पदार्थो के लिए आधुनिक मोबाइल वैन आम लोगों को सुरिक्षत खाद्य पदार्थ मिल सके. इसके लिए संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला को भारतीय संरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत (एफएसएसएआइ) की ओर से तीन आधुनिक मोबाइल चलंत वाहन उपलब्ध कराया गया है, जबकि एक चलंत वाहन पहले से ही संस्थान को मिला था.
संस्थान के निदेशक की मानें तो उपलब्ध आधुनिक मोबाइल वैन को प्रमंडल स्तर पर सरकार के निर्देश से भेजा जायेगा. इसे पूर्णिया, भागलपुर व मुजफ्फरपुर भेजने की योजना है. लॉकडाउन की वजह से गाड़ियों का पंजीयन नहीं हो सका है. ऐसे में गाड़ियों के पंजीयन के बाद तीनों जगह पर भेज दिया जायेगा. उपलब्ध कराये गये चलंत लैब अब लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब में खान पान के मिलावट के डेमो दिखाने के साथ आम लोगों को सुरिक्षत खाद्य पदार्थ के लिए जागरूक करने का काम चलंत वैन के माध्यम से किया जाता है. इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन होता है. एक वर्ष में छह हजार से अधिक सैंपल की जांच प्रयोगशाला के निदेशक सह खाद्य विश्लेषक डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में अप्रैल माह से लेकर मार्च 2020 तक में 6226 सैंपल की जांच की गयी.
निदेशक ने बताया लॉकडाउन अवधि की वजह से जांच के लिए महज 537 सैंपल ही पहुंचे. इसमें अप्रैल माह में 160 सैंपल व मई माह में 377 सैंपल जांच के लिए आये. जून माह से जांच के लिए सैंपल बढ़ने की उम्मीद जतायी गयी है.