बिहार में मिड डे मिल घोटाला करनेवाले 42 हेडमास्टर नपे, तीन माह में चुकाने होंगे 16 लाख

Mid Day Meal: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने भी शिकायतों की त्वरित जांच और दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक मिथिलेश मिश्र भी शिकायतों की जांच से संबंधित प्रगति की समीक्षा करने की बात कही हैं.

By Ashish Jha | August 5, 2024 12:16 PM
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Mid Day Meal: पटना. सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल के नाम पर एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. बिहार के कई सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या बढ़ाकर सरकारी पैसों की लूट की शिकायत के बाद विभागीय जांच में यह सही पाया गया है. ऐसे 46 प्रधानाध्यापकों की पहचान की गयी है जिन्होंने स्कूलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या बढ़ाकर दिखाया है. विभाग अब ऐसे प्रधानाध्यापकों से राशि की वसूली करने का फैसला किया है. विभागीय जानकारी के अनुसार विभाग कुल 46 प्रधानाध्यापकों से कुल 16 लाख रुपये की वसूली करेगा.

बड़े घोटाले का हुआ खुलासा

बिहार में एमडीएम की गुणवत्ता की वजह से सरकारी स्कूल अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. शिक्षा विभाग के पास भारी संख्या में आ रही शिकायतों के बाद अब विभाग ने भी मिड डे मिल को लेकर सख्ती बढ़ा दी है. विभाग की ओर से शिकायतों की जांच में पता चला कि सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या बढ़ाकर दिखाया जाता है. कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में शिकायत आयी थी कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चे काफी कम रहते हैं, पर इनकी संख्या को बढ़ाकर रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसके बाद निदेशालय ने संबंधित जिलों के पदाधिकारियों को भेजकर स्कूलों में औचक जांच करायी गयी.

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आयी थी कुल 997 शिकायतें

शिक्षा विभाग में बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर इस तरह की शिकायतें विभिन्न जिलों से आयी थीं. विभाग के निर्देश पर मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय ने इसकी जांच करायी तो कई शिकायतें सही पायी गयीं. कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में कुल 997 शिकायतें मध्याह्न भोजन से संबंधित आयीं. विभागीय जांच में पाया गया कि प्रधानाध्यापकों ने बच्चों की वास्तविक संख्या में छेड़छाड़ किया. जितने बच्चों खाना खिलाया गया उससे अधिक की रिपोर्ट भेजी गयी. ऐसे स्कूलों के 42 प्रधानाध्यापकों की पहचान की गयी. कुछ अन्य मामलों में 27 प्रधानाध्यापकों पर अनुशासिनिक कार्रवाई का निर्णय लिया गया है.

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तीन महीने की राशि जोड़कर होगी वसूली

अब जिसने जितनी अधिक संख्या अपनी रिपोर्ट में दिखायी है, उसी आधार पर वसूली की राशि तय की जाएगी. इसमें यह भी देखा जाता है कि पिछले तीन महीने में कितने दिनों तक स्कूल खुले थे. इन दोनों को आधार बनाया जाता है. अब निदेशालय ने प्रधानाध्यापकों से कुल 16 लाख से अधिक की राशि की वसूली का निर्णय लिया है. विभिन्न जिलों के 42 प्रधानाध्यापकों पर यह कार्रवाई 13 जून से 31 जुलाई के बीच के मामलों पर हुई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने भी शिकायतों की त्वरित जांच और दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक मिथिलेश मिश्र भी शिकायतों की जांच से संबंधित प्रगति की समीक्षा करने की बात कही हैं.

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