बेतिया राज की जमीन पर क्या करेगी बिहार सरकार, मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया पूरा प्लान

बेतिया राज की हजारों एकड़ जमीन अब बिहार सरकार की हो गई है. इस जमीन पर राज्य सरकार स्कूल और अस्पताल के निर्माण जैसे कार्य करेगी.

By Anand Shekhar | November 28, 2024 7:13 AM

बेतिया राज की 15538 एकड़ जमीन अब बिहार सरकार की संपत्ति हो गई है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित विधेयक भी पारित हो चुका है. लेकिन अब सवाल यह है कि राज्य सरकार इतनी जमीन का इस्तेमाल कैसे करेगी? तो इसका जवाब राज्य सरकार के भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने दिया. उन्होंने बताए कि राज्य सरकार बेतिया राज की जमीन का इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए करेगी. इस पर स्कूल और अस्पताल बनाए जाएंगे.

बेतिया राज की जमीन पर होगा विकास कार्य

दिलीप जायसवाल ने कहा कि बेतिया राज की संपत्ति पर सरकार विकास कार्य करेगी. कुछ जमीन का इस्तेमाल भूमिहीनों को बसाने के लिए किया जाएगा. इसके अलावा इस जमीन पर सरकारी संस्थान बनाए जाएंगे, स्कूल-कॉलेज खोले जाएंगे, अस्पताल का निर्माण होगा, खेल के मैदान बनाए जाएंगे और अन्य विकास कार्य किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस नए कानून के तहत बिहार सरकार को उत्तर प्रदेश के बेतिया राज की 143 एकड़ जमीन का मालिकाना हक भी मिल गया है.

क्यों बनाना पड़ा कानून?

दिलीप जायसवाल ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान बेतिया राज की जमीन कोर्ट ऑफ वार्ड्स को सौंप दी गई थी. उन्होंने कहा कि बेतिया राजघराने के अंतिम महाराजा की कोई संतान नहीं थी, इसलिए आजादी के बाद उनकी जमीन बिहार सरकार के अधीन आ गई, लेकिन इस पर कोई कानून नहीं था, जिसके कारण कई लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण कर लिया और भू-माफियाओं की भी इस पर नजर थी. इस कारण सरकार को कानून बनाना पड़ा.

लोगों को आपत्ति दर्ज करने का दिया जाएगा मौका

राज्य सरकार इन जमीनों पर आपत्ति सुनने के लिए हर जगह एडीएम स्तर के अधिकारी की नियुक्ति करेगी. जो 60 दिनों के अंदर बेतिया राज की जमीन पर लोगों की आपत्तियों की सुनवाई करेंगे और 90 दिनों के अंदर इस पर फैसला देंगे. जिस पक्ष को फैसले पर आपत्ति होगी वह 30 दिनों के अंदर कलेक्टर के पास दोबारा अपील दायर कर सकता है. जो 30 दिनों के अंदर अपना फैसला सुनाएंगे.

Also Read : पैक्स चुनाव : अधिकतर सीटों पर पुराने अध्यक्षों का रहा कब्जा

Also Read : गोरेयाकोठी में 16 पुराने चेहरों पर जनता ने जताया भरोसा

Next Article

Exit mobile version